तीन दिवसीय ‘प्रवासी आर्ट प्रदर्शनी और क्रिएटिविटी वर्कशॉप’ का शुभारंभ

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तीन दिवसीय ‘प्रवासी आर्ट प्रदर्शनी और क्रिएटिविटी वर्कशॉप’ का शुभारंभ


जयपुर, 28 मार्च (हि.स.)। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि राजस्थान की कला और संस्कृति विश्व में अपनी विशिष्ट पहचान रखती है। प्रवासी राजस्थानी समुदाय ने इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राजस्थान की समृद्ध कला, संस्कृति और कारीगरों की अनूठी कला को संवर्धन और संरक्षण करने की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

राजस्थान दिवस के उपलक्ष्य में प्रदेशभर में साप्ताहिक महोत्सव के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

इसी क्रम में राजस्थान फाउंडेशन के स्थापना दिवस के अवसर पर जवाहर कला केंद्र में राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को समर्पित 28 से 30 मार्च तक तीन दिवसीय ‘प्रवासी आर्ट प्रदर्शनी और क्रिएटिविटी वर्कशॉप’ का शुक्रवार को उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने शुभारंभ किया।

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने कहा कि यह प्रदर्शनी न केवल प्रवासियों के हुनर व कला के विभिन्न रूपों को प्रदर्शित करने का एक मंच है, बल्कि यह प्रवासी राजस्थानियों और उनके गृह राज्य के बीच सांस्कृतिक सेतु को अधिक मजबूत करने का भी अवसर देती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान फाउंडेशन द्वारा किया गया यह प्रयास सराहनीय है, इससे प्रवासी समुदाय का राज्य से जुड़ाव और अधिक प्रगाढ़ होगा।

उन्होंने वर्कशॉप में ज़ेंटैंगल्स आर्ट और वाटर कलर पेंटिंग सीख रहे प्रतिभागियों के साथ संवाद किया और वर्कशॉप में पारंपरिक खेलों बाघ-बकर, चार-भर और सोलह गुटियां, चतुरंग सेट, रज्जू सरपा, निन्यानवे का फेर आदि पर भी हाथ आजमाया।

इस दौरान कर्नल राठौड़ ने जवाहर कला केन्द्र में ग्रामीण गैर कृषि विकास अभिकरण (रुडा) द्वारा आयोजित शिल्पांगन प्रदर्शनी एवं कार्यशाला का अवलोकन कर हस्तशिल्पियों से संवाद किया। शिल्पांगन में टेक्सटाइल व मिनिएचर पेंटिंग, लकड़ी, पत्थर व संगमरमर हस्तशिल्प, हस्तनिर्मित कृतियां और आभूषण के साथ-साथ चर्म उत्पाद, मोजड़ी, जयपुर ब्लू पॉटरी को प्रदर्शित किया गया।

राजस्थान फाउंडेशन की आयुक्त डॉ मनीषा अरोड़ा ने बताया कि इस प्रदर्शनी के माध्यम से 5 देशों और 8 राज्यों के प्रतिभाशाली प्रवासी राजस्थानियों की कलाकृतियों को पहली बार एक साथ लाया गया है।

उन्होंने बताया कि राजस्थान के रतनगढ़, चूरू से कोलकाता में बसे प्रवासी राजस्थानी अमन गोपाल पिछले कई वर्षों से पारंपरिक रॉयल बोर्ड गेम्स को पुनर्जीवित एवं प्रोमोट करने का काम कर रहे हैं। डॉ. अरोड़ा ने बताया कि इस प्रदर्शनी में देश-विदेश के प्रवासी राजस्थानियों की कलात्मक प्रतिभा को एक मंच प्रदान किया गया है जिसमें पारंपरिक शाही बोर्ड गेम्स, ज़ेंटैंगल्स, आकर्षक कशीदाकारी, पेंटिंग्स और स्कल्पचर्स जैसी विभिन्न कलात्मक अभिव्यक्तियों का प्रदर्शन किया जा रहा है। साथ ही, क्रिऐटिवटी वर्कशॉप में युवाओं को ज़ेंटैंगल्स आर्ट, वाटर कलर पेंटिंग और पारंपरिक रॉयल बोर्ड गेम्स के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इस अवसर पर देश विदेश से आए प्रवासी राजस्थानी, कला प्रेमी, स्थानीय कलाकारों सहित अन्य आमजन उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

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