राजस्थान के जन आधार मॉडल की तर्ज पर अरुण परिवार पत्र लागू करेगा अरुणाचल प्रदेश

जयपुर, 5 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में 'एक नंबर-एक कार्ड-एक पहचान' पर आधारित प्रदेश की जन आधार योजना अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा साबित हो रही है।
जन आधार द्वारा जन कल्याणकारी योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से पात्र लाभार्थियों तक पूर्ण पारदर्शिता के साथ लाभ पहुंचाया जा रहा है।
राजस्थान की इस पहल का अनुकरण करने में अरुणाचल प्रदेश की सरकार ने गहरी रुचि दिखाई है। इस संबंध में अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव मनीष कुमार गुप्ता ने राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत से वार्ता की।
योजना के अध्ययन एवं राजस्थान मॉडल के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए मनीष कुमार गुप्ता के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल ने प्रदेश का दौरा किया एवं शनिवार को योजना भवन स्थित जन आधार प्राधिकरण का अवलोकन कर कार्यप्रणाली को जाना।
आयोजना विभाग के विशिष्ट शासन सचिव सुशील कुमार कुलहरी ने अरुणाचल सरकार के अधिकारियों को प्राधिकरण की कार्यप्रणाली, फैमिली डेटाबेस तैयार करने में विभाग की भूमिका और प्रदेश में इसकी आवश्यकता के संबंध में जानकारी दी।
राजस्थान जन आधार प्राधिकरण के निदेशक निर्मल कुमार सेठी ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और योजना पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जन आधार प्लेटफार्म के माध्यम से विभिन्न विभागों द्वारा 170 से अधिक जनकल्याणकारी योजनाओं एवं 30 से अधिक सेवाओं का लाभ पूर्ण पारदर्शिता के साथ सीधे ही लाभार्थी के खातों में दिया जा रहा है।
सेठी ने बताया कि पूर्व में भी कई राज्यों ने जन आधार योजना को लागू करने की पहल की है, जिसमें तेलंगाना, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक इत्यादि राज्य शामिल है। इस कड़ी में अब अरुणाचल प्रदेश सरकार भी जन आधार योजना की तर्ज पर अरुण परिवार पत्र योजना संचालित करने की पहल कर रही है।
संयुक्त निदेशक जन आधार प्राधिकरण सीताराम स्वरूप ने बताया कि प्रदेश की 97 प्रतिशत जनसंख्या को जन आधार योजना के अंतर्गत कवर किया जा चुका है। अब तक इसके तहत दो करोड़ से अधिक परिवारों के नामांकन एवं एक लाख करोड़ से अधिक के डीबीटी के लाभ हस्तांतरण किये जा चुके हैं।
प्रतिनिधिमण्डल में अरुणाचल प्रदेश सरकार की शासन सचिव (आई.टी.) सोनल स्वरुप, विशेषाधिकारी (आयोजना) यशवंत मीना, उप निदेशक (आई.टी.) नामगे वांगमु एवं एसडीसी प्रोजेक्ट मैनेजर (आई.टी.) गौतम चन्द्र दास शामिल रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित