कोयला और ओबी उत्पादन में सीसीएल बरका सयाल ने रचा इतिहास : जीएम

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कोयला और ओबी उत्पादन में सीसीएल बरका सयाल ने रचा इतिहास : जीएम


कोयला और ओबी उत्पादन में सीसीएल बरका सयाल ने रचा इतिहास : जीएम


रामगढ़, 31 मार्च (हि.स.)। कोयलांचल के सीसीएल बरका सयाल प्रक्षेत्र ने कोयला और ओबी उत्पादन में नया इतिहास रचा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंत में क्षेत्र के जीएम अजय कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस उपलब्धि को साझा किया। उन्होंने कहा कि विगत कई वित्तीय वर्ष में घाटे का मुंह देख चुका यह प्रक्षेत्र इस बार नए कीर्तिमान स्थापित मुनाफे की ओर अग्रसर हो गया है। कोयला उत्पादन और संप्रेषण के साथ साथ ओबी का ऐतिहासिक उत्पादन कर नया कृतिमान स्थापित किया है। विगत वित्तीय वर्ष की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष में कोयला उत्पादन में 32 प्रतिशत वृद्धि दर व ओबी उत्पादन में 51 प्रतिशत की वृद्धि दर प्राप्त करने में सफलता हासिल किया। जीएम अजय कुमार सिंह ने इस उपलब्धि को पूरी टीम की उपलब्धि बताई है।

जीएम अजय कुमार सिंह ने कहा कि विगत वित्तीय वर्ष में जहां कोयले का उत्पादन मात्र 61.38 लाख टन का था, वहीं चालू वित्तीय वर्ष में यह उत्पादन बढ़कर 81 लाख टन हो गया। साथ ही विगत वित्तीय वर्ष में ओबी का उत्पादन 136 लाख क्यूबिक मीटर हुआ था। वहीं चालू वित्तीय वर्ष में ओबी का उत्पादन 171 लाख 85 हजार क्यूबिक मीटर हुआ। जो अब तक के उत्पादन में सबसे ज्यादा आंका जा रहा है।

जीएम ने बताया कि प्रक्षेत्र के इस कामयाबी में सभी इकाइयों का योगदान रहा है। भुरकुंडा परियोजना 10 लाख टन, सयाल परियोजना 13.5 लाख टन, बिरसा परियोजना 45 लाख टन व उरीमारी परियोजना में 12.5 लाख टन कोयले का उत्पादन हुआ है। उन्होंने आगे बताया कि कोयला संप्रेषण में भी बरका सयाल प्रक्षेत्र 30 प्रतिशत की वृद्धि दर प्राप्त किया है। वहीं रैक लोडिंग में भी 43 प्रतिशत का वृद्धि दर प्राप्त करने में सफलता हासिल किया है। विगत वित्तीय वर्ष में जहां 58 लाख 80 हजार टन कोयले का संप्रेषण हुआ था। जबकि चालू वित्तीय वर्ष में 76 लाख 60 हजार टन कोयले का संप्रेषण हुआ है। वहीं विगत वित्तीय वर्ष में जहां 1201 रैक लोडिंग हुआ था, जबकि चालू वित्तीय वर्ष में 1721 रैक लोडिंग हुआ है। जिसमें सबसे ज्यादा एक दिन में विगत 19 मार्च को 10 रैक लोडिंग हुआ। जो अपने आप में एक कृतिमान है।

जीएम ने बताया कि कोयला उत्पादन सबसे ज्यादा मार्च माह में हुआ है। इस माह में लगभग 14 लाख टन कोयले का उत्पादन हुआ है। महाप्रबंधक अजय कुमार सिंह ने इस लक्ष्य प्राप्ति के प्रति विस्थापित नेता, विस्थापित समिति, यूनियन के प्रतिनिधि, सीसीएल कर्मचारियों को श्रेय देते हुए धन्यवाद दिया।

जीएम ने बताया कि आने वाले वित्तीय वर्ष 2025 - 2026 में प्रक्षेत्र को 90 लाख टन का लक्ष्य दिया गया है। उन्होंने उम्मीद जताया है कि टीम वर्क के साथ इस लक्ष्य को भी प्राप्त कर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि भुरकुंडा का संगम परियोजना चालू वित्तीय वर्ष में कर लिया जाएगा। संगम परियोजना में पांच मिलियन टन कोयले का भंडार है। जिसे आउटसोर्स से चालू किया जाएगा। सौंदा और खास कर्णपुरा परियोजना का मामला पर्यावरण और वन विभाग के स्वीकृति मिलने के बाद चालू किया जाएगा। मौके पर महाप्रबंधक के साथ एसओपी अजय कुमार मौजूद थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश

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