हिसार : गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय की शिक्षा सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे प्रदेशभर के छात्र

प्रादेशिक अधिकार क्षेत्र बढ़ा, दूरस्थ शिक्षा माध्यम से कर सकेंगे विद्यार्थी पढ़ाईहिसार, 7 अप्रैल (हि.स.)। यहां के गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन (सीडीओई) में अब समूचे हरियाणा प्रदेश अपने परीक्षा केंद्र स्थापित करेगा। राज्य सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। गुजविप्रौवि के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। अब गुजविप्रौवि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के उद्देश्यों को पूरा करने तथा शिक्षा से संबंधित राष्ट्रीय लक्ष्यों को पाने में अपना और अधिक योगदान दे सकेगा।कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने इसके लिए विश्वविद्यालय की टेरीटोरियल जुरिसडिक्शन (प्रादेशिक अधिकार क्षेत्र) बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव का धन्यवाद किया है। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय के सीडीओई को बधाई दी है। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने साेमवार काे बताया कि वर्ष 2017 में गुजविप्रौवि की सरकार द्वारा प्रादेशिक अधिकार क्षेत्र केवल हिसार कर दी गई थी, जिसके कारण विश्वविद्यालय वर्ष 2017 से जिला हिसार के बाहर न तो अपने परीक्षा केंद्र स्थापित कर पा रहा था और न ही विभाग के विद्यार्थियों के लिए व्यक्तिगत संपर्क कार्यक्रम के अंतर्गत कक्षाएं हिसार से बाहर लगाई जा रही थी। इस संबंध में वर्ष 2021 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय तथा गुजविप्रौवि के दूरस्थ शिक्षा निदेशालयों के निदेशकों की कमेटी सरकार द्वारा गठित की गई। इस कमेटी की रिपोर्ट के बाद एक जून 2022 को तीनों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ हरियाणा राज्य उच्चत्तर शिक्षा परिषद के अध्यक्ष ने गुजविप्रौवि में बैठक की थी। इस बैठक की अनुशंसा के आधार पर हरियाणा सरकार ने तीनों विश्वविद्यालयों की दूरस्थ शिक्षा का दायरा समूचे प्रदेश तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। ये होंगे फायदेकुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का लक्ष्य देश के हर नागरिक को शिक्षा देना है। भारत सरकार का वर्ष 2035 तक उच्च शिक्षा में ग्रोस इनरोलमेंट रेशो (जीईआर) को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य है। विश्वविद्यालयों की दूरस्थ शिक्षा का दायरा समूचा राज्य होने से इस लक्ष्य को पाने में सहायता मिलेगी। साथ ही 'बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ' अभियान को भी इससे बल मिलेगा। दूरस्थ शिक्षा लड़कियों के लिए वरदान साबित होती है। किसी कारणवश अपनी नियमित शिक्षा पूरी न कर पाने वाली हरियाणा प्रदेश की बेटियां अब अपने नजदीकी शहर में दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से परीक्षा देकर उच्च शिक्षा प्राप्त कर पाएंगी। सरकार के इस कदम से विश्वविद्यालयों की आय बढ़ेगी और विश्वविद्यालय आत्मनिर्भर होंगे। युवा दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पढ़ाई करने के साथ-साथ अन्य कौशलयुक्त कोर्स भी कर पाएंगे। साथ ही पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार भी कर पाएंगे। दूरस्थ व नियमित शिक्षा पाठ्यक्रमों की प्रादेशिक अधिकार क्षेत्र अलग-अलग परिभाषित नहीं थी : कुलसचिवकुलसचिव डा. विजय कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालयों की प्रादेशिक अधिकार क्षेत्र उनके संबंधित जिलों तथा आस-पास कर दी गई थी। प्रादेशिक अधिकार क्षेत्र का यह नियम नियमित पाठ्यक्रमों पर लागू था, लेकिन नियमित तथा दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रमों के लिए अलग-अलग नियम न होने के कारण नियमित पाठ्यक्रमों के नियमों को ही दूरस्थ शिक्षा का नियम मान लिया गया। परिणामस्वरूप विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमानुसार विश्वविद्यालयों को संबंधित जिलों की प्रादेशिक अधिकार क्षेत्र के बाहर शिक्षा केन्द्र खोलने, परीक्षा केंद्र बनाने तथा व्यक्तिगत सम्पर्क कार्यक्रम के अंतर्गत कक्षाएं लगाने तथा अन्य गतिविधियां संचालित करने की अनुमति नहीं थी। अब दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रमों के लिए प्रदेश सरकार ने अलग से नियम बनाकर यह दायरा पूरा प्रदेश कर दिया है, जो कि विश्वविद्यालयों के लिए एक ऐतिहासिक कदम होगा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. विजय कुमार, तकनीकी सलाहकार प्रो. विनोद छोकर, तकनीकी सलाहकार प्रो. संदीप राणा, सीडीओई के निदेशक प्रो. खुजान सिंह, सीडीओई के शिक्षक व अधिकारी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर