गुरुग्राम: गाली-गलौच होने पर हत्या करनेे के एक दोषी को उम्रकैद की सजा

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-11 नवंबर 2021 वारदात को दिया था अंजाम

गुरुग्राम, 22 मार्च (हि.स.)। गाली-गलौच होने पर हत्या करने के एक आरोपी को पुलिस ने हत्या का दोषी ठहराते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर जुर्माना भी लगाया है। यह वारदात वर्ष 2021 में की थी।

पुलिस के अनुसार थाना सेक्टर-10ए में 11 नवंबर 2021 को सेक्टर-37सी में झाडिय़ों में एक शव पड़े होने की सूचना मिली। इस सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कि वहां पड़े व्यक्ति के शव से खून निकला हुआ है। पुलिस टीम द्वारा सीन ऑफ क्राइम, एफएसएल व फिंंगर प्रिंट की पुलिस टीमों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। सोमबीर पुत्र रणबीर निवासी गांव खरहर थाना आसौदा जिला झज्जर ने शिकायत देकर कहा कि उसने गांव गाड़ौली में दिशा एंटरप्राइजेज के नाम से मेडिकल स्टोर कर रखा है। वह आयुर्वेदिक दवाई सप्लाई का भी काम करता है। अशोक कुमार निवासी मिसनपुर जिला मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश उसके पास करीब तीन महीने से दवाई सप्लाई का काम कर रहा था।

10 नवंबर 2021 को करीब छह बजे अशोक उसके दूसरे वर्कर मुकुल की स्कूटी को लेकर चला गया था। इसके बाद रात को करीब 11:30 बजे वह वापस आया। उसने कहा कि वह कमरा बदल रहा है। सामान ले जाने के लिए गाड़ी की जरुरत है। उसने गाड़ी देने से इंकार कर दिया। वह वापस चला गया। उसके पास रात सवा एक बजे उसके मोबाइल पर फोन आया। उसे बताया कि अरुण कुमार ङ्क्षसह गांव चापर जिला समस्तीपुर बिहार की पत्नी पिंकी बोल रही हूं। आपके पास काम करने वाले अशोक का फोन उसके पाया आया है। उसने कहा कि उसने पत्थर मारकर उसके पति अरुण कुमार की हत्या कर दी है। अरुण उससे गाली-गलौच करके झगड़ा कर रहा था।

अरुण कुमार की पत्नी के मुताबिक वह अपने पति अरुण कुमार व आरोपी अशोक के साथ सरस्वती एन्कलेव में एक ही कमरे में इक_े रहते थे। वह पांच-छह दिन पहले अपने गांव बिहार आ गई थी। सुबह अशोक कुमार ने उसको फोन पर बताया कि उसने उसके पति को पत्थर से चोटें मारकर सेक्टर-37 की झाडिय़ों में फेंक दिया है। सेक्टर-10ए थाना पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज करके हत्यारोपी को 14 नवंबर 2021 को उत्तर प्रदेश के बिजनौर से काबू किया गया। उसकी पहचान संदीप उर्फ पिंटू निवासी गांव समाना जिला मुजफ्फरनगर (उत्तर-प्रदेश) के रुप में हुई थी।

पहचान बदलकर गुरुग्राम में रह रहा था आरोपी

आरोपी संदीप के खिलाफ मुजफ्फरनगर में गिरोहबंदी व चोरी के दर्जनों केस दर्ज हैं। वर्ष 2015 से वह चार साल तक जेल में बंद रहा। अपना अपराधिक रिकॉर्ड छिपाने के लिए आरोपी संदीप ने अपने ताऊ के लडक़े अशोक निवासी मुजफ्फरनगर का ड्राइविंग लाइसेंस व आधार कार्ड उसको बिना बताए ले आया था। उन्हीं के आधार पर वह अशोक बनकर गुरुग्राम में रह रहा था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ साक्ष्य जुटाकर मजबूती से अदालत में पैरवी की। एडिशनल सेशन जज जगदीप ङ्क्षसह की अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया। अदालत ने आरोपी को धारा 302 आईपीसी के तहत उम्र कैद व 20 हजार रुपये जुर्माना, धारा 201 आईपीसी के तहत 3 वर्ष कैद (कठोर कारावास) व 10 हजार रुपये जुर्माना तथा धारा 419 के तहत 2 वर्ष कैद (कठोर कारावास) व 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर

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