अलविदा जुमे की नमाज अकीदत और भाईचारे के साथ रोजेदारों ने की अदा

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अलविदा जुमे की नमाज अकीदत और भाईचारे के साथ रोजेदारों ने की अदा


अलविदा जुमे की नमाज अकीदत और भाईचारे के साथ रोजेदारों ने की अदा


अररिया,28 मार्च(हि.स.)।

अररिया सहित पूरे जिले में माहे रमजान के आखिरी जुमा अलविदा जुमे की नमाज पूरी अकीदत और एहतराम के साथ अदा की गई। शहर की तमाम मस्जिदों में सुबह से ही नमाजियों की आमद शुरू हो गई थी। जैसे-जैसे वक्त बढ़ता गया, अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ती रही।

नमाज के बाद मुल्क की सलामती, समाज में भाईचारा, अमन-ओ-अमान और इंसानियत की तरक्की के लिए रूहानी दुआ की गई, जिस पर तमाम रोजेदारों ने एक साथ आमीन कहा।अररिया और फारबिसगंज की बड़ी जामा मस्जिद, गुदारी मुहल्ला मस्जिद, दल्लू टोला मस्जिद, अली टोला मस्जिद, आलम टोला मस्जिद, दरभंगिया टोला मस्जिद सहित शहर और ग्रामीण इलाकों की मस्जिदों में अलविदा जुमे को लेकर विशेष इंतजाम किए गए थे।

सदर रोड स्थित बड़ी जामा मस्जिद में अलविदा जुमे की नमाज के दौरान जनसैलाब उमड़ पड़ा। मस्जिद के अंदर जगह कम पड़ने लगी, तो लोग सड़क किनारे कतारबद्ध होकर नमाज अदा करने लगे। सदर रोड से लेकर आसपास के इलाके तक नमाजियों की मौजूदगी ने इस मौके को और खास बना दिया। नमाज की अगुवाई कर रहे जामा मस्जिद गुदरी मोहल्ला के इमाम हजरत रिज़वान हाफ़िज ने खुतबे में रमजान की फजीलत, अलविदा जुमे की अहमियत और इंसानी जिंदगी पर इसके असर को लेकर तकरीर की।

उन्होंने कहा कि रमजान का महीना अलविदा कह रहा है, लेकिन इस महीने में मिली नेकी, सब्र, भाईचारे और इंसानियत के जज्बे को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाना जरूरी है। उन्होंने गरीबों, बेसहारों और जरूरतमंदों की मदद करने की सीख दी और मुल्क में अमन-शांति के लिए दुआ कराई।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर

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