व्यापारी समुदाय के लिए गेम चेंजर साबित हुई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना: खंडेलवाल

नई दिल्ली, 08 अप्रैल (हि.स.)। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) ने देश के व्यापारी समुदाय के लिए एक गेम चेंजर के रूप में काम किया है। इसके लिए व्यापारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने दस वर्ष पूर्व इस योजना की शुरुआत उस क्षेत्र के लिए की थी जो लंबे समय तक औपचारिक वित्त व्यवस्था से वंचित रहा।
भाजपा सांसद एवं कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के 10 साल पूरा होने के अवसर पर अपने संबोधन में यह बात कही। खंडेलवाल ने कहा कि पीएम मुद्रा योजना ने भारत के व्यापारी वर्ग को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि 8 अप्रैल, 2015 को शुरू हुई यह योजना देशभर के छोटे व्यापारियों और दुकानदारों के लिए वरदान साबित हुई है। शिशु, किशोर और तरुण श्रेणियों के जरिए बिना किसी गारंटी के ऋण प्रदान कर इस योजना ने लाखों सूक्ष्म और लघु व्यवसायों को वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिससे उन्हें अपने व्यापार का विस्तार करने, बुनियादी ढांचे को उन्नत करने और कार्यशील पूंजी को मजबूत करने में सहायता मिली है।
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब छोटे व्यापारियों के लिए औपचारिक वित्तीय सहायता प्राप्त करना एक चुनौती था, पीएम मुद्रा योजना ने उस अंतर को पाटते हुए देश के व्यापार और वाणिज्य को नई ऊर्जा दी है। इस योजना ने न केवल ऋण की उपलब्धता बढ़ाई है, बल्कि स्वरोजगार को बढ़ावा दिया है और स्थानीय स्तर पर उद्यमिता को प्रोत्साहित किया है।
खंडेलवाल ने कहा कि पिछले दस वर्षों में लाखों व्यापारी इस योजना के प्रत्यक्ष लाभार्थी रहे हैं, जिससे उन्हें विशेष रूप से कोरोना महामारी (कोविड-19) जैसी चुनौतीपूर्ण विषम परिस्थितियों में अपने व्यवसाय को बनाए रखने और आगे बढ़ाने में मदद मिली। असंगठित क्षेत्र को सशक्त करने और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में इस योजना की भूमिका अत्यंत सराहनीय है।
उल्लेखनीय है कि पीएमएमवाई ने 10 वर्षों में लाखों उद्यमियों को सशक्त बनाया है। इसके तहत बिना किसी गारंटी के ऋण प्रदान किया गया है। इस योजना के तहत एक दशक से भी कम समय में 33.65 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि 52.37 करोड़ ऋणों के जरिए प्रदान की गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर