आईआईटी में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के जरिए छात्रों को भूकंप के प्रति किया गया जागरूक

कानपुर, 23 जनवरी (हि.स.)। प्राकृतिक आपदा भूकंप को लेकर आमजन में कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई है क्योंकि यह एक ऐसी आपदा है जिसके आने का पहले कोई भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। ऐसे में युवा छात्रों के जरिये समाज को भूकंप के प्रति जागरूक करना आवश्यक है। यह बातें गुरुवार को आईआईटी में आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के दौरान प्रो. दुर्गेश सी राय ने कही।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर में नेशनल इनफार्मेशन सेंटर ऑफ अर्थक्वेक इंजीनियरिंग (एनआईसीईई) ने भूकंप सुरक्षा पर अपनी 16वीं वार्षिक अंतर-विद्यालय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस प्रतियोगिता में उत्तर भारत के सात प्रतिष्ठित स्कूलों ने हिस्सा लिया। जिसमें युवा छात्रों में भूकंप सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया गया। प्रतियोगिता में ग्वालियर ग्लोरी हाई स्कूल विजेता रहा। प्रो. सीवीआर मूर्ति द्वारा एनआईसीईई के व्यापक प्रकाशन 'आईआईटीके बीएमटीपीसी भूकंप टिप्स' पर आधारित प्रतियोगिता में चार चुनौतीपूर्ण राउंडों में राउंड रॉबिन, पिक्चर राउंड, रैपिड फायर राउंड और लकी नंबर राउंड फाइनल में सात प्रतिष्ठित स्कूलों ने भाग लिया। साल 2009 में शुरू हुई यह प्रतियोगिता एनआईसीईई के आउटरीच कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण वार्षिक आयोजन बन गई है। इस कार्यक्रम के लिए चयन प्रक्रिया मार्च में शुरू होती है। जब भाग लेने वाले स्कूलों को अपनी चार सदस्यीय टीमों को तैयार करने के लिए भूकंप सुरक्षा प्रकाशन की 50 प्रतियां भेजी जाती हैं।
जिसमें ग्वालियर ग्लोरी हाई स्कूल ने पहला स्थान हासिल किया। दूसरे स्थान पर भारतीय विद्या भवन का प्रिज्म स्कूल जबकि सतना और शेलिंग हाउस स्कूल कानपुर क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कमांडर ऐलावादी ने इस आयोजन को सफल बनाने में प्रतिभागियों, शिक्षकों, प्रधानाचार्यों, अभिभावकों और सिविल इंजीनियरिंग, विजिटर्स हॉस्टल और आउटरीच ऑडिटोरियम सहित आईआईटी कानपुर के विभिन्न विभागों के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
हिन्दुस्थान समाचार / Rohit Kashyap