बुद्धिमान व्यापारी साइबर ठगी से बचा, दूध मंगाने के बहाने भेजा गया फर्जी क्यूआर कोड

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हरिद्वार, 5 अप्रैल (हि.स.)। कनखल क्षेत्र के एक दूध व्यापारी ने अपनी सतर्कता और समझदारी से साइबर ठगी का शिकार होने से खुद को बचा लिया।

जानकारी के मुताबिक कनखल दक्ष मार्ग स्थित दूध व्यवसायी सुशांत अग्रवाल पुत्र भगवत अग्रवाल के पास शनिवार की सुबह एक फोन आया। फोन करने वाले ने स्वयं को गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में एनसीसी कैंप का संचालक होना बताया। ठग ने सुशांत अग्रवाल से गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय सभागार में 40 किलो दूध मंगवाया तथा भुगतान वहीं पर करने की बात कही। जिस पर व्यापारी ने अपने व्यक्ति को दूध लेकर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय भेज दिया।

गुरुकुल कांगड़ी पहुंचने पर ठग का फोन आया और उसने व्यापारी को कहा कि तुम्हारे द्वारा भेजा गया व्यक्ति यहां खड़ा है। मैंने आपको क्यूआर कोड भेज दिया है आप उस पर भुगतान कर दीजिए। जब व्यापारी ने क्यूआर कोड ध्यान से देखा तो उसमें भुगतान प्राप्त करने की जगह भुगतान भेजे जाने का विकल्प था, जिस पर व्यापारी का माथा ठनका और उसने ठग से सवाल दागे। व्यापारी ने कहा कि यह कोड तो भुगतान करने का है, जिस पर ठग ने सुशांत अग्रवाल को अपने शब्दों में जाल में फंसाकर एक सप्ताह कैंप होने तथा प्रतिदिन बड़ी मात्रा में दूध मगंवाने की बात कही किंतु व्यापारी समझदारी दिखाते हुए ठग के जाल में नहीं फंसा।

साइबर का यह पहला ऐसा मामला है, जहां किसी व्यापारी से माल मंगाकर उसको ठगने का प्रयास किया गया है। इस संबंध में व्यापारी ने जब विश्वविद्यालय में पूछताछ की तो वहां पर एनसीसी के किसी भी प्रकार के कैंप होने से इनकार कर दिया इस संबंध में व्यापारी पुलिस में शिकायत करने की तैयारी कर रहा है।

यह मामला साइबर ठगी के एक नए तरीके को उजागर करता है, जिसमें माल मंगवाने के बहाने व्यापारी से फर्जी भुगतान करवाने का प्रयास किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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