श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के शोधार्थी विनोद पोखरियाल को मिली (विद्यावारिधि) पीएचडी की उपाधि

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श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के शोधार्थी विनोद पोखरियाल को मिली (विद्यावारिधि) पीएचडी की उपाधि


-उत्तराखंड में आपदा समाचारों का आपदा प्रभावित क्षेत्रों पर प्रभाव का अध्ययन पर केंद्रित शोध

देहरादून, 03 अप्रैल (हि.स.)। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के पीएचडी छात्र और उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार डॉ. विनोद कुमार पोखरियाल को (विद्यावारिधि) पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। उनके शोध का विषय ‘उत्तराखंड में आपदा समाचारों का आपदा प्रभावित क्षेत्रों पर प्रभाव का अध्ययन’ रहा, जिसमें उन्होंने उत्तराखंड की प्राकृतिक आपदाओं के साथ ही आपदाओं से पहले और बाद में समाचार पत्रों की भूमिका और आपदा प्रबंध प्राधिकरण के योजनाओं के प्रभाव का भी उल्लेख किया है।

उत्तराखंड में आपदा समाचारों का आपदा प्रभावित क्षेत्रों पर प्रभाव का अध्ययन पर केंद्रित शोध

यह शोध डॉ. विनोद कुमार पोखरियाल ने एसजीआरआर जन संचार विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आशा बाला के निर्देशन में किया है। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में आज पीएचडी के अंतिम साक्षात्कार में अनुसंधान अधिष्ठाता के प्रतिनिधि डॉ. हरीश तिवारी ने मुख्य परीक्षक प्रो. राजेश कुमार की संस्तुति के बाद उन्हें पीएडी अवार्ड से सम्मानित किया।

साक्षात्कार में एसजीआरआर विश्वविद्यालय जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. आशीष कुलश्रेष्ठ समेत अन्य प्राध्यापक व शोधार्थी मौजूद रहे। इस दौरान डॉ. विनोद पोखरियाल ने शोध के परिणाम के आधार पर सरकार, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, समाचार पत्रों के संपादकों को 70 से अधिक सुझाव दिए हैं। उन्होंने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को यह सलाह दी कि मीडिया कर्मियों को आपदा से पहले और बाद में प्रभावी सूचना संप्रेषण का प्रशिक्षण दिया जाए ताकि भ्रामक खबरों से बचा जा सके और प्रभावित क्षेत्रों में भय की स्थिति उत्पन्न न हो।

उत्तरकाशी को आधार मानकर राज्य पर किए गए इस शोध में उत्तरकाशी में बाढ़, भूस्खलन, भूकंप, वनाग्नि, हिमस्खलन, सड़कों के खतरनाक मोड़ाें के साथ ही आपदा के लिहाज से संवेदनशील जल विद्युत परियोजना को भी शामिल किया गया है। यमुनोत्री व गंगोत्री मंदिर को संवेदनशील जोन में रखते हुए पूर्व में घटित घटनाओं का भी विवरण दिया गया है।

डॉ.विनोद पोखरियाल ने बातचीत में कहा कि मेरा यह शोध सरकार, आपदा प्रबंधन, विश्वविद्यालयों के शोधार्थी छात्रों के साथ ही समाचार पत्रों की संपादकीय टीम के लिए महत्वपूर्ण है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

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