खरमास समाप्त : फिर बैण्ड बाजों और बारात की धूम

जयपुर, 14 अप्रैल (हि.स.)। पिछले एक माह से शुभ कार्यों सहित शादियों पर लगा प्रतिबंध रविवार से हट गया। इसके बाद साेमवार से प्रदेशभर में फिर शादियों की गूंज सुनाई देने लगेगी। इस बार 14 अप्रैल से नाै जून तक विवाह के केवल 30 शुभ मुहूर्त हैं।
सूर्य के मेष राशि में गोचर करने के साथ ही खरमास का अंत हो गया। खरमास के अंत होने के साथ शादी-विवाह की शहनाई गूंजने लगी है और शुभ व मांगलिक कार्यक्रम प्रारंभ हो गए हैं। 14 अप्रैल से शुरू होने वाले शादी व विवाह के शुभ मुहूर्त नाै जून तक है। इसके बाद फिर से शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी। खरमास चार मार्च से शुरू हुआ था, जाे रविवार को समाप्त हुआ। इससे शादियों पर लगा ब्रेक हट गया और विवाह के आयोजन शुरू हो गए। गर्मी के इन 53 दिनों में बड़ी संख्या में विवाह होंगे। इससे आभूषण, किराना, कपड़े सहित विभिन्न सामान की खरीदारी होगी, वहीं डीजे, हलवाई, मैरिज गार्डन सहित विभिन्न लोगों को काम मिलेगा। इससे खरीदारी के लिए बाजार में अभी से रौनक दिखने लगी है।
ज्याेतिषियाें के अनुसार सूर्य 13 अप्रैल को मेष राशि में गोचर कर गए। सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तब वह दिन संक्रांति के नाम से जाना जाता है। सूर्य के मेष राशि में आने से शादी विवाह के साथ नामकरण, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत, मुंडन आदि शुभ कार्य शुरू हो गए। इस बार 14 अप्रैल से नाै जून तक विवाह के 30 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। शादी विवाह के शुभ मुहूर्त पर छह जुलाई को विराम लग जाएगा जो दाे नवंबर तक जारी रहेगा। इसके बाद फिर से शादी की शहनाई गूंजने लगेंगी।
अप्रैल में नौ दिन, मई में 17 दिन और जून में सिर्फ पांच दिन ही मुहूर्त हैं। पिछले काफी समय से मंदी झेल रहे व्यापारियों को इस सीजन से बड़ी उम्मीदें हैं। कपड़ा व्यापारियों के मुताबिक शादी के सीजन में रेडीमेड व कपड़े मंगाए गए हैं, बच्चों व महिलाओं के कपड़ों पर ज्यादा फोकस है। महिलाएं सबसे ज्यादा साड़ी व लहंगा पसंद करती हैं। वहीं सर्राफा दुकानदारों के मुताबिक पिछले साल की तुलना में सोने की कीमत करीब डेढ़ गुना हो गई है, लाेग कम सोना खरीद रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित