एसडीएम एवं राजस्व अधिकारी आदेश तक ही सीमित न रहें, उस पर अमल भी कराएँ: कलेक्टर रुचिका चौहान

-शिकायतकर्ताओं को फोन लगवाकर जानी सीएम हैल्पलाइन शिकायतों के निराकरण की वस्तुस्थिति
ग्वालियर, 3 अप्रैल (हि.स.)। एसडीएम एवं राजस्व अधिकारी जो भी आदेश पारित करें, उसका अमल भी कराएं। साथ ही सीएम हैल्पलाइन पोर्टल पर यदि कोई ऐसी शिकायत सामने आती है, जिससे संबंधित प्रकरण राजस्व न्यायालय में विचाराधीन है या निर्णय हो चुका है, तो आरसीएमएस में दर्ज उस प्रकरण का नम्बर सीएम हैल्पलाइन के जवाब में प्रदर्शित करें। यह निर्देश कलेक्टर रुचिका चौहान ने गुरुवार को सीएम हैल्पलाइन की समीक्षा के दौरान दिए। उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों को विशेष अभियान चलाकर पिछले 6 माह में राजस्व न्यायालय में पारित हुए आदेशों पर अमल कराने के निर्देश भी दिए।
कलेक्ट्रेट में हुई अंतरविभागीय समन्वय समिति की बैठक में कलेक्टर ने सीएम हैल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराने वाले आवेदकों से फोन से चर्चा कर शिकायत निराकरण की वस्तुस्थिति भी जानी। उन्होंने सीएम हैल्पलाइन में सामने आई नामांतरण संबंधी शिकायतों के निराकरण में देरी पर नाराजगी जताई। साथ ही निर्देश दिए कि इसके लिये दोषी तहसीलदार व नायब तहसीलदारों पर लोक सेवा गारंटी कानून के तहत अर्थदण्ड लगाएं। कलेक्टर ने एल-1 स्तर पर शिकायत अटेंड न करने पर लश्कर मंडी सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार, अपर कलेक्टर कुमार सत्यम व टीएन सिंह सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी व एसडीएम मौजूद थे।
कलेक्टर रुचिका चौहान ने समर्थन मूल्य पर गेहूँ व मोटे अनाज के उपार्जन के लिये जिले में स्थापित किए गए सभी उपार्जन केन्द्रों पर किसानों के लिये छाया, पेयजल व अन्य मूलभूत सुविधायें सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि तौल कांटा, बारदाना, मॉइश्चर मीटर व ड्रॉप गेट का इंतजाम भी पुख्ता रहे। सभी एसडीएम व्यक्तिगत रूप लेकर यह व्यवस्थायें कराएं।
उन्होंने सभी एसडीएम व उपार्जन व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को उपार्जन के लिये पंजीयन कराने व स्लॉट बुक कराने के लिये जागरुक करें। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य शासन द्वारा गेहूँ उपार्जन के लिये पंजीयन की तिथि 9 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है। वर्तमान में मंडी में गेहूँ के भाव गिर रहे हैं। इसलिए किसान भाई पंजीयन नहीं करायेंगे तो वे समर्थन मूल्य पर गेहूँ नहीं बेच पायेंगे।
निजी स्कूल निर्धारित फीस से ज्यादा राशि लें तो करें कार्रवाई
अंतरविभागीय समन्वय बैठक में कलेक्टर रुचिका चौहान ने स्पष्ट किया कि जिले के किसी भी निजी स्कूल में बच्चों से यदि निर्धारित शुल्क से ज्यादा राशि की शिकायत सामने आई तो संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने कहा शासन के दिशा-निर्देशानुसार कोई भी स्कूल किसी भी कक्षा की पिछली साल की फीस से 10 प्रतिशत से ज्यादा फीस नहीं ले सकता है। इससे ज्यादा फीस बढ़ाने पर जिला स्तरीय समिति से अनुमोदन लेना अनिवार्य है। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि अभिभावकों व बच्चों से फीस संबंधी शिकायतें प्राप्त करने के लिये हैल्पलाइन नम्बर जारी करें।
स्कूल चलें हम अभियान की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने निर्देश दिए कि पढ़ने योग्य कोई भी बच्चा शाला में प्रवेश से वंचित न रहने पाए। जिले के ग्रामीण अंचल सहित शहर की मलिन व पिछड़ी बस्तियों एवं ऐसे स्थानों जहाँ पर श्रमिक बहुतायत में रहते हैं, विशेष प्रयास कर उस क्षेत्र के बच्चों का शाला में दाखिला दिलाएं। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि बच्चे शाला न त्यागें।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत जिले के निजी स्कूलों में पढ़ रहे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को जिला प्रशासन द्वारा पुस्तक वक्रेताओं के सहयोग से नि:शुल्क पुस्तकों के सैट उपलब्ध कराए जायेंगे। हाल ही में आयोजित हुए पुस्तक मेले में कलेक्टर की पहल पर पुस्तक विक्रेता इस बात के लिये सहमत हुए थे। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को ऐसे 100 बच्चों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
चिटफंड कंपनियों की कुर्क अचल सम्पत्ति का उल्लेख खसरे के कॉलम नं.12 में कराएँ
कलेक्टर रुचिका चौहान ने जिले के सभी एसडीएम व राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि चिटफंड कंपनियों की कुर्क की गई संपत्तियों का उल्लेख खसरे के कॉलम नं.12 में अनिवार्यत: कराएं, जिससे यह सम्पत्ति अनाधिकृत रूप से बिकने न पाए। उन्होंने यह काम 15 अप्रैल तक पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर ने बैठक में जोर देकर कहा कि सभी विभाग 30 अप्रैल तक हर हाल में ई-ऑफिस प्रणाली के तहत फाइलों के आदान-प्रदान की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें। जिन विभागों के अधिकारी यह काम नहीं करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। पीएमजीएसवाई की समीक्षा के दौरान बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य शासन द्वारा ऐसे मजरे-टोलों को भी बारहमासी सड़कों से जोड़ने का निर्णय लिया गया है, जहाँ सौ घरों तक की बसाहट है। इस कड़ी में जिले में भी सर्वे किया जा रहा है। सरकार की योजना के तहत 50 मीटर तक की रोड भी बनाई जा सकेगी। सतर्कता सर्वे एप के माध्यम से जिले में अब तक ऐसी 345 बसाहटों का सर्वे कराया जा चुका है। बैठक में ई-मार्ग के तहत सड़कों की मरम्मत के लिये लागू की गई व्यवस्था की भी समीक्षा की गई।
बैठक में स्पष्ट किया गया कि जो उपभोक्ता राशन ई-केवायसी नहीं करायेंगे, उनके नाम आगे चलकर स्वत: ही पोर्टल से हट जायेंगे और उन्हें राशन प्राप्त करने की पात्रता नहीं रहेगी। इसलिए सभी उपभोक्ताओं को उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से स्पष्ट तौर पर बता दें कि वे अपनी ई-केवायसी अवश्य करा लें। कलेक्टर रुचिका चौहान ने समग्र आईडी से आधार लिंकिंग व ई-केवायसी के काम में और तेजी लाने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा शतप्रतिशत लोगों की ई-केवायसी कराने के लिये 31 मई तक विशेष अभियान जारी रखें। उन्होंने कहा कि लोगों को बताएं कि यदि ई-केवायसी नहीं कराई तो उन्हें सरकार की हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ नहीं मिल पायेगा, जिससे वे स्वत: ही अपनी ई-केवायसी करा सकें।
कलेक्टर ने बैठक में “पढ़ाई भी-पोषण” भी कार्यक्रम की समीक्षा भी की। साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि कुपोषण निवारण के लिये जिले के सभी पोषण पुनर्वास केन्द्रों (एनआरसी) की क्षमताओं का उपयोग करें। इसमें कोई ढ़िलाई न हो।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर