काशी के युवाओं ने उठाई ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ की मांग, गोदौलिया चौराहे पर चलाया जागरूकता अभियान

युवाओं का कहना है कि देश में अलग-अलग समय पर चुनाव होने से न केवल भारी आर्थिक व्यय होता है, बल्कि शासन व्यवस्था भी बार-बार प्रभावित होती है। इससे योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधा आती है और राष्ट्र की प्रगति की रफ्तार धीमी हो जाती है। अगर देश में एक साथ चुनाव होंगे, तो इससे समय और संसाधनों की बचत होगी, और लोगों को एक स्थिर व प्रभावशाली सरकार मिलेगी जो योजनाओं को गरीबों तक निर्बाध रूप से पहुंचा सके।
इस जन-जागरूकता अभियान में प्रियांशु तिवारी, ओम तिवारी, सुरेंद्र गुप्ता उर्फ मुनमुन, अधिवक्ता विनय गुप्ता, नितेश अग्रहरि, आनंद चौरसिया, पीयूष पांडे, निहाल तिवारी, अदिति सिंह, बाबू यादव, पीयूष अरोरा और रोहित यादव समेत कई अन्य युवा शामिल हुए। सभी ने हाथों में 'One Nation One Election' लिखे प्लेकार्ड लेकर यह संदेश दिया कि यदि देश को वैश्विक स्तर पर तेज गति से आगे बढ़ाना है, तो ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ प्रणाली को लागू करना आवश्यक है।
युवाओं ने बताया कि बार-बार चुनाव होने की वजह से न केवल सरकारी तंत्र पर बोझ बढ़ता है, बल्कि जनता का ध्यान भी मूलभूत मुद्दों से भटकता है। चुनाव आचार संहिता के कारण कई योजनाएं अटक जाती हैं और प्रशासनिक कार्यों में भी ठहराव आ जाता है। यदि एक साथ चुनाव कराए जाएं, तो न केवल लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी, बल्कि विकास की गति भी दोगुनी हो जाएगी।