तेल एवं गैस पीएसयू समर्थित 32 स्टार्टअप ने स्टार्टअप महाकुंभ में भाग लिया

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तेल एवं गैस पीएसयू समर्थित 32 स्टार्टअप ने स्टार्टअप महाकुंभ में भाग लिया


नई दिल्ली, 05 अप्रैल (हि.स.)। सरकारी स्वामित्व वाली तेल और गैस की प्रमुख कंपनियों ने नवोन्मेषी स्टार्टअप्स को विकसित करने, उन्हें सलाह देने और वित्तपोषित करने के लिए मजबूत ढांचे की स्थापना की है, जो राष्ट्रीय राजधानी में चल रहे स्टार्टअप महाकुंभ 2025 में भाग लेने वाले कुल 32 पीएसयू समर्थित स्टार्टअप्स से परिलक्षित होता है।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि तेल एवं गैस क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों ने नवोन्मेषी स्टार्टअप्स को विकसित करने, उन्हें सलाह देने और वित्तपोषित करने के लिए एक मजबूत ढांचा स्थापित किया है। मंत्रालय ने बताया कि 3-5 अप्रैल तक भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित होने वाले स्टार्टअप महाकुंभ 2025 में सार्वजनिक क्षेत्र के कुल 32 उपक्रम ने सक्रिय रूप से भाग लिया है।

मंत्रालय के मुताबिक ओएनजीसी के स्टार्टअप फंड में पिछले पांच वर्षों में वैल्यूएशन के मूल्‍यसंवर्धन में 450 फीसदी की वृद्धि हुई है, जिसमें स्टार्टअप इंडिया पॉलिसी के तहत इसका पहला ऑयलफील्ड स्टार्टअप वैलआरएक्‍स 120 से ज्‍यादा देशों में अपने ऊर्जा समाधानों का विस्तार कर रहा है। इंडियन ऑयल ने अपनी इंड्स_अप पहल के तहत 42 स्टार्टअप के लिए धन की व्‍यवस्‍था की है जिससे 86 बौद्धिक संपदाओं और 635 नौकरियों का सृजन हुआ।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के मुताबिक अन्य सार्वजनिक उपक्रम भी नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। ईआईएल की इंजीएसयू पहल ने 31 स्टार्टअप को 35 करोड़ रुपये का सहयोग दिया है। यह पहल औद्योगिक एंजाइम, कम्पोस्टेबल पॉलिमर और कार्बन कैप्चर में परियोजनाओं के लिए धन उपलब्‍ध कराती है। एचपीसीएल के एचपी उद्गम कार्यक्रम ने 29 स्टार्टअप को शुरू करने के लिए 35 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की है। इसमें माराल एयरोस्पेस भी शामिल है। यह सौर ऊर्जा से चलने वाले लंबी दूरी के ड्रोन विकसित करता है। बीपीसीएल के अंकुर कार्यक्रम ने 30 स्टार्टअप को 28 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की है, जिससे उन्हें 132 मिलियन डॉलर जुटाने और 300 मिलियन डॉलर का संचयी मूल्यांकन प्राप्त करने में मदद मिली है।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने कहा कि मंत्रालय और उसके सार्वजनिक उपक्रम प्रौद्योगिकी-संचालित और टिकाऊ ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा दे रहे हैं, तथा स्टार्टअप्स को भारत के ऊर्जा परिवर्तन और नवाचार परिदृश्य का नेतृत्व करने के लिए सशक्त बना रहे हैं। इन सतत प्रयासों के जरिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एक प्रौद्योगिकी आधारित और टिकाऊ ऊर्जा तंत्र को बढ़ावा दे रहे हैं तथा स्टार्टअप्स को भारत के ऊर्जा परिवर्तन और नवाचार परिदृश्य का नेतृत्व करने के लिए सशक्त बना रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

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