धर्म संघ शिक्षा मंडल के पीठाधीश्वर श्री शंकर देव चैतन्य महाराज ने स्वामी दिव्य चेतना नंद को दी श्रद्धांजलि
वाराणसी। स्वामी करपात्री जी द्वारा स्थापित, उनकी तपोभूमि धर्मसंघ शिक्षा मंडल के पीठाधीश्वर श्री शंकर देव चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज ने शनिवार को दिव्य चेतना केंद्र के काशी शाखा पर बगलामुखी सिद्ध शक्ति पीठ, मुंबई के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी दिव्य चेतना नन्द को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
ज्ञात हो कि इसी माह 1 जून को स्वामी दिव्य चेतना नन्द का देहावसान मुंबई में हुआ था। स्वामी दिव्य चेतना नन्द जी (रण्जीत चौबे) विश्व विख्यात अंक ज्योतिष के ज्ञानी नारायण दत्त श्रीमाली (स्वामी निखिलेश्वरा नन्द) एवं मां कामाख्या के उपासक बाबा भूतनाथ के अनन्य तथा प्रिय शिष्य थें।
वे हमेशा कहा करते थे कि संस्कृत और संस्कृति की रक्षा से ही सृष्टि का कल्याण निश्चित है। उन्होंने समाज में सकारात्मक उर्जा एवं सोच को स्थापित करने के उद्देश्य से अनेको देवताओं के करोड़ नाम अर्चन तथा हजार कुण्डीय महायज्ञ समय-समय पर कराते रहे।
महादेव की नगरी काशी में स्वामी दिव्य चेतना नन्द नियमित रूप से समाज के उत्थान एवं प्राणी मात्र के कल्याण की भावना से ओतप्रोत होकर कार्यक्रम कराते रहे। उन्होंने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से केमिकल के क्षेत्र में इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की थी और अपने भीतर ज्ञान-विज्ञान की चेतना का अद्वितीय सामंजस्य स्थापित किया। परम पूज्य गुरुदेव को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने वाले प्रमुख लोगों में अनुपम पांडेय, तनुज पांडेय, धीरज दीक्षित अधिवक्ता, सोमिल सिंह, राजमंगल पांडेय आदि लोग उपस्थित रहे।

