मणिकर्णिका घाट स्थित कुंड में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, मां मणिकर्णिका का हुआ दर्शन
Updated: Apr 24, 2023, 17:08 IST
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वाराणसी। धर्म की नगरी काशी में अक्षय तृतीया के एक दिन पश्चात मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat) पर स्थित कुंड में स्नान करने की परंपरा है। परंपरा का निर्वहन करते हुए सोमवार को हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने कुंड में आस्था की डुबकी लगाई। कुंड में अक्षय तृतीया पर माता मणिकर्णिका की झांकी लगाई गई जिसका श्रृंगार रविवार की रात किया गया। वहीं सोमवार की सुबह से परंपरा के अनुसार श्रद्धालु कुंड में डुबकी लगाते नजर आए।
अक्षय पुण्य की कामना को लेकर श्रद्धालु काशी के मणिकर्णिका घाट पर स्थित कुंड में डुबकी लगाने के साथ मां मणिकर्णिका के प्रतिमा का दर्शन पूजन करते हैं। मणिकर्णिका कुंड (Manikarnika Kund) के प्रधान पुरोहित जयेंद्रनाथ दुबे के अनुसार साल में एक बार अक्षय तृतीया की शाम मां मणिकर्णिका की प्रतिमा कुंड पर लाया जाता है और यही मां का भव्य श्रृंगार किया जाता है। काशी में रहने वाले लोग और काशी में मोक्ष की कामना को लेकर आने वाले श्रद्धालु अक्षय तृतीया के 1 दिन बाद ( सोमवार ) आस्था की डुबकी लगाने के साथी मां का दर्शन पूजन किया। अक्षय तृतीया (Akshaya) के एक दिन पश्चात मां मणिकर्णिका को छप्पन भोग के साथ कुंड में स्नान की प्रक्रिया शुरू होती है। मान्यता है कि इस दिन कुंड में स्नान मात्र से भक्तों को अक्षय फल की प्राप्ति होती है और उनका कभी क्षय नही होता और रोगों से भी मुक्ति मिलती है।
वही मणिकर्णिका घाट पर कुंड में स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालु की भीड़ को कंट्रोल करने के लिए सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे। दशाश्वमेध क्षेत्र के एसीपी अवधेश पांडे के नेतृत्व में पुलिस बल को तैनात किया गया। परंपरा के निर्वाहन के पश्चात मां की प्रतिमा को पालकी से ले जाकर पुरोहित के घर रखा गया। गौरतलब है कि परंपरा के अनुसार अब मां मणिकर्णिका का दर्शन 1 वर्ष बाद अक्षय तृतीया के पर्व पर श्रद्धालुओं को होगा।
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