बनारस के श्मशान घाटों पर लगी है शवों की लम्बी लाइन, लकड़ी की कमी के बीच 5 घंटे बाद आ रहा नंबर 

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वाराणसी। हाल ही में प्रदेश की राजधानी लखनऊ के भैसा कुंड श्मशान का वीडयो बहुत तेज़ी से वायरल हुआ था, जिसमे लकड़ी की कमी और एक सतह जलते कई शवों को दिखाया गया था। कोरोना महामारी और  गर्मी के चलते वाराणसी के महाश्मशान मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर भी कमोबेश यही हाल।  कोविड से मरने वाले मरीज़ों को हरिश्चंद्र घाट पर जलाया जा रहा है। गैस द्वारा चलने वाले शवदाह गृह के बाहर अव्यवस्थाओं का बोल बाला है साथ ही लम्बी वोटिंग लिस्ट भी है। 

वहीं मणिकर्णिका महाश्मशान पर रोज़ 150 शवों का दाह संस्कार हो रहा है पर शवदाह स्थल के विश्वनाथ कॉरिडोर में अधिग्रहण होने के बाद जगह की कमी की वजह से काफी समय बाद लोगों का शवदाह के लिए नंबर आ रहा है। 

इस सम्बन्ध में मणिकर्णिका श्मशान के शालू चौधरी ने बताया कि प्रतिदिन आज कल 150 से ज़्यादा डेड बॉडी यहां आ रही है।  विश्वनाथ कॉरिडोर में यहां का हिस्सा जाने से लाशों को जलाने के स्थल की कमी हो गयी है, जिसकी वजह से शवों को लेकर आने वाले शवयात्रियों को 4 से 5 घंटे लग रहे हैं। इस समय गर्मी की वजह से शवों की संख्या ज़्यादा है।  इसके अलावा कॉरिडोर में कुछ जगह जाने से एक बार में सिर्फ 20 से 25 लाशें जल रही है। 

शालू  चौधरी ने बताया कि कोविड से मरने वालों को हरिश्चंद्र घाट पर जलाया जा रहा है पर इतनी लाश रोज़ आ रही है  उसमें पता लगना असंभव है कि कौन से कोविड की है और कौन सी नहीं, जिसकी वजह से खतरा बना हुआ है। 

वहीं हरिश्चंद्र श्मशान घाट पर भी शवों को जलाने के लिए लोगों की लाइन लगी हुई है।  पहली बार घाट के पूरे एरिया में शवों को जलाया जा रहा है।  यहाँ बने गैस द्वारा शवदाह स्थल पर 15 शवों की वोटिंग चल रही है। इसी श्मशान पर कोविड पॉज़िटिव मरीज़ों को भी मृत्यु के बाद जलाया जा रहा है, जिसके बाद लापरवाही देखने को मिल रही है। शवों को लेकर आने वाले अपना पीपीई किट घाट पर छोड़कर चले जा रहे हैं। 

इसके अलावा यहाँ लकड़ी की भी कमी देखने को मिल रही है। अपने परिचित की पत्नी का शव लेकर पहुंचे रविंद्र गिरी ने बताया कि घाट का इतना अविभत्स दृश्य पहली बार देखने को मिला है।  लकड़ी की कमी और जगह की कमी की वजह से बहुत मिन्नत के बाद हरी लकड़ियां मिली है जिसके बाद हमने शव को 6 घंटे बाद जलाना शुरू किया है। वहीं जब उनसे पूछा गया कि गैस शवदाह गृह में क्यों नहीं जलाया तो उन्होंने कहा कि वहां एक घंटा एक शव में लग रहा है लेकिन 15 लोगों की लाइन लगी है। 

उन्होंने बताया कि 20 शव जल रहा है और 20 से अधिक वेटिंग में और ऊपर गैस वाले शवदाह गृह में भी 15 से 20 की वोटिंग है।  उन्होंने बताया कि ज़्यादातर कोविड पेशेंट के शव हैं।

देखिये वीडियो-

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