कोरोना संक्रमित भाई के शव को लावारिस छोड़कर भाग गया सगा भाई, दरोगा ने दिखाई मानवता, कराया अंतिम संस्कार

कोरोना संक्रमित भाई के शव को लावारिस छोड़कर भाग गया सगा भाई, दरोगा ने दिखाई मानवता, कराया अंतिम संस्कार

वाराणसी। कोरोना संक्रमण संपर्क में आने से तेजी से फैलता है। लोग इस डर से संक्रमितों के पास या नजदीक आने से भी डर रहे हैं। वहीं यह संक्रमण किसी अपने या परिवार के सदस्य को होने पर लोग सारे सुरक्षा प्रोटोकाल को भूलकर पहले परिवार के सदस्य को बचान के लिए निकल पड़ रहे हैं। बस इस आस में की कोरोना संक्रमित परिजन किसी तरह ठीक हो जाए लोग हर कुछ करने को तैयार हैं, पर वाराणसी में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने भाई-भाई के रिश्ते को भी शर्मसार दिया। मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा में कोरोना संक्रमण के चलते जान गंवाने वाले एक व्यक्ति को उसका ही सगा भाई लावारिस हालत में छोड़कर भाग निकला। 

जानकारी के अनुसार  पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर (मुगलसराय) के अजय कुमार ने कोरोना संक्रमित अपने सगे भाई विजय को कबीरचौरा स्थित श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया था। ईलाज के दौरान ही विजय की मौत हो गई। शव के पंचनामा के मृतक की जेब से 6 हजार रुपये मिले, जो उसके भाई को दे दिए गए। पुलिस ने शव को भाई की सुपुर्दगी में देकर पोस्टमार्टम के लिए बीएचयू भेजा। पोस्टमार्टम के बाद शव एम्बुलेंस से हरिश्चंद्र घाट भेजा गया। 

बीएचयू में अजय ने ऑटो से हरिश्चंद्र घाट पहुंचने की बात कहकर एम्बुलेंस चालक को आगे जाने के लिए कहा। एम्बुलेंस चालक हरिश्चंद्र घाट पर अजय का इंतजार करने लगा। जब चार घण्टे तक अजय नहीं पहुंचा तो एम्बुलेंस चालक शव लेकर कबीरचौरा आ गया। शव मॉर्चरी में रख दिया गया। 

तीन दिन तक जब कोई भी परिजन अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आया, तब कबीरचौरा चौकी प्रभारी प्रीतम तिवारी ने सरकारी नियमानुसार विजय का अंतिम संस्कार हरिश्चंद्र घाट पर कराया। महामारी के समय में पुलिस के इस मानवीय पहल की सभी जमकर तारीफ कर रहे हैं।

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