कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ दिलाया जाय- न्यायाधीश ओपी त्रिपाठी

कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ दिलाया जाय- न्यायाधीश ओपी त्रिपाठी

वाराणसी। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष/ जनपद न्यायाधीश ओपी त्रिपाठी ने कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ दिलाने के निर्देश दिए हैं। 

इसी क्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव कुमुद लता त्रिपाठी ने बताया की कोरोना वायरस दूसरी लहर ने कई बच्चों के सर से उनके माता-पिता का साया छीन लिया है। उत्तर प्रदेश में भी इस महामारी ने जमकर तबाही मचाई। उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐसे बच्चों के लिए विशेष योजना की शुरुआत की है, जिसका नाम मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना दिया गया है।

उन्होंने बताया कि इस विशेष योजना में 0 से अट्ठारह साल के ऐसे बच्चे शामिल किए गए हैं, जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोविड-19 से हो गई हो या माता-पिता में से एक की मृत्यु 1 मार्च 2020 से पहले हो गई थी तथा दूसरे की मृत्यु कोविड-19 से हो गई अथवा दोनों की मौत 1 मार्च 2020 से पहले हो गई थी और वैध संरक्षक की मृत्यु कोरोना काल में हो गई। 

इसके अलावा 0 से 18 साल के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु कोविड-19 से हो गई हो और वह परिवार का मुख्य कर्ता हो और वर्तमान में जीवित माता या पिता सहित परिवार की आय 2 लाख प्रति वर्ष से अधिक न हो को भी इस योजना में शामिल किया गया है। योजना का लाभ पाने के लिए कोविड-19 से निधन का साक्ष्य प्रस्तुत करना होगा। साक्ष्य के लिए एंटीजन या आरटीपीसीआर की पॉजिटिव रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट या सिटी स्कैन में कोविड-19 के इंफेक्शन की पुष्टि होनी चाहिए।

प्राधिकरण के सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि योजना के तहत सभी पात्र बच्चों के पालन पोषण के लिए प्रतिमाह 4000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। यह आर्थिक सहायता बच्चे के बयस्क होने तक प्रदान की जाएगी। इस योजना के माध्यम से बालिकाओं की शादी के लिए 10 लाख एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। 

साथ ही मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत जो बच्चे व्यवसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहे होंगे, उनको टेबलेट/लैपटॉप प्रदान किया जायेगा। सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि इस योजना के अंतर्गत आने वाले बच्चे की आयु यदि 10 वर्ष से कम है और उसका कोई अभिभावक नहीं है तो इस स्थिति में बच्चे को आवासीय सुविधा भी प्रदान की जाएगी। यह सुविधा राजकीय बाल गृह के माध्यम से प्रदान की जाएगी। 

सभी अवयस्क लड़कियों को भारत सरकार द्वारा संचालित कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय, प्रदेश सरकार द्वारा संचालित राजकीय बाल गृह एवम अटल आवासीय विद्यालयो के माध्य से शिक्षा एवम आवास की सुविधा प्रदान की जाएगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी होना चाहिए तथा बच्चे की आयु 18 वर्ष या फिर 18 वर्ष से कम होनी चाहिए। 

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में रहने वालों को विकास/ पंचायत अधिकारी या विकास खंड या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय से योजना का आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा और शहरी क्षेत्र में रहने वालों को लेखपाल, तहसील या जिला प्रोबेशन अधिकारी के कार्यालय से आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा तथा आवेदन पत्र में पूछी गयी जानकारी दर्ज करते हुए महत्वपूर्ण दस्तावेज लगाकर आवेदन पत्र कार्यालय में जमा करना होगा। इस प्रकार उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत आवेदन किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत माता पिता की मृत्यु के 2 वर्ष के भीतर आवेदन किया जा सकता है।

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