अमृत महोत्सव : अस्सी घाट से नावों पर निकली झांकियां, शिल्पकारों व बुनकरों की बदलती स्थिति को दर्शाया गया

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वाराणसी। संस्था यूएसएस. फाउंडेश, मघता वेविंग क्लस्टर व बैम्बू क्राफ्ट क्लस्टर के साथ मिलकर 75वां अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। संस्था ने अस्सी घाट से आठ नाव पर झांकियां निकाली, जो राजघाट तक गई। उसके बाद राजघाट से दोबारा झांकियां वापस अस्सी घाट तक आई। इन झांकियों में शिल्पकारों की स्थिति बुनकरों की स्थिति को दर्शाया गया। 

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जिसमें यह दिखाया गया कि आज बुनकरों की स्थिति में परिवर्तन आया है। पहले बुनकर समाज या बुनकर व्यवसाय से जुड़े लोगों को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। बुनकर समाज के पास आधुनिक मशीनों के ना रहने के कारण बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। लेकिन जरूरत संबंधित मशीनों का सहयोग मिल जाने पर आज बुनकर समाज कि जीवन स्तर में परिवर्तन आया है। आज ज्यादा से ज्यादा लोगों की डिमांड को पूरा कर रहा है। 

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बुनकर समाज का इस राष्ट्र के उत्थान में बड़ा ही अहम योगदान है। जो इस झांकी में दर्शाया गया है। साथ ही कारीगरों की स्थिति को भी दर्शाया गया। उनके वृद्धि एवं विकास को दिखाया गया। कोविड-19 संबंधित झांकियां भी दिखाई गई। इसके साथ ही साथ स्वतंत्रा में अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले उन महान विभूतियों, राष्ट्र प्रेमियों, स्वतंत्रता सेनानियों का विभिन्न क्रियाकलापों के दवारा उनकी विचारों को लोगों के बीच पहुंचाया गया। 

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अमृत महोत्सव में राष्ट्र के उत्थान राष्ट्र की प्रगति एवं स्वच्छ काशी सुंदर काशी इत्यादि विषयों पर विशेष जोर दिया गया। और हो रहे परिवर्तनों को भी दिखाया गया। इस अमृत महोत्सव कार्यक्रम में संस्था के सभी सदस्य एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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