‘‘काशी तमिल संगमम्’’ यात्रा से मजबूत हाे रही है सदियों पुरानी संस्कृति एवं सभ्यता : महापौर

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‘‘काशी तमिल संगमम्’’ यात्रा से मजबूत हाे रही है सदियों पुरानी संस्कृति एवं सभ्यता : महापौर


--महापौर ने काशी तमिल संगमम् के चतुर्थ दल के सदस्यों के आगमन पर किया स्वागत एवं अभिनंदन

प्रयागराज, 10 दिसम्बर (हि.स.)। ‘‘काशी तमिल संगमम्’’ कार्यक्रम के चतुर्थ दल के सदस्यों का बुधवार को जनपद प्रयागराज आगमन पर महापौर गणेश केसरवानी, जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा एवं नगर मजिस्ट्रेट विनोद कुमार सिंह ने तिलक लगाकर एवं माला पहनाकर टीम के सदस्यों का भव्य रूप से स्वागत किया। चतुर्थ दल में लगभग 200 सदस्य प्रयागराज आये।

इस अवसर पर संगम क्षेत्र के वीआईपी घाट के पास आयोजित कार्यक्रम में महापौर द्वारा दल के टीम लीडर को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया तथा गंगा जल भेंट किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय अभिलेखागार एवं राजकीय पांडुलिपि पुस्तकालय द्वारा अभिलेख एवं पांडुलिपियों की प्रदर्शनी भी लगायी गयी, जिसमें कागज तथा ताड़पत्र के पौराणिक ग्रंथो के प्रदर्श विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। एन0सी0जेड0सी0सी0 द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां भी की गयी।

इस अवसर पर महापौर ने तमिलनाडु से पधारे तमिल श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुये तमिल संस्कृति एवं तमिल भाषा के उत्तर भारत में मिलन कराने के लिये प्रधानमंत्री एवं मुख्यमत्री के प्रयासों की सराहना की। कहा कि ‘‘काशी तमिल संगमम् यात्रा प्रधानमंत्री की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसने भाषा, संस्कृति और क्षेत्रीय भिन्नताओं के नाम पर फैलाए गए भ्रमों को दूर किया है। उन्होंने कहा कि ‘‘काशी तमिल संगमम्’’ यात्रा के माध्यम से हमें उत्तर और दक्षिण की संस्कृति, परम्पराओं, वातावरण को समझने व एक दूसरे की भाषा को सीखने, जानने व संवाद करने का भी सुनहरा अवसर मिल रहा है। यह यात्रा उत्तर और दक्षिण को जोड़ने का काम करेगी।

उन्होंने आगे कहा कि कुम्भ व माघ मेले के अवसर पर करोड़ां श्रद्धालु यहां आते है और यहां आकर सभी एक मन, भाव एवं एक संस्कृति में बंध जाते है। उन्होंने कहा कि ‘‘काशी तमिल संगमम्’’ यात्रा एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, इसका उद्देश्य हमारे सदियों पुराने सभ्यता और ऐतिहासिक रिश्तों को मजबूत करना है। प्रधानमंत्रीजी की एक भारत, श्रेष्ठ भारत की संकल्पना काशी-तमिल संगमम् यात्रा से चरितार्थ हो रही है।

जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि यह यात्रा दक्षिण व उत्तर भारत की सांस्कृतिक व आध्यात्मिक एकता के मध्य सेतु का काम कर रही है। हमारे लिए यह गौरव का विषय है कि इस यात्रा में सम्मिलित सदस्य काशी से प्रयागराज पहुंच रहे है और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का अवसर मिल रहा है। उन्होंने संगम नोज पर व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए सम्बंधित अधिकारियों को व्यवस्था सम्बंधी आवश्यक निर्देश दिए।

काशी तमिल संगमम् टीम के सदस्यों को सुसज्जित नावों द्वारा वीआईपी घाट से संगम ले जाकर मां गंगा, यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के संगम का अवलोकन कराया गया तथा तीर्थराज प्रयागराज के महत्व के बारे में बताया गया। संगम क्षेत्र के अद्भुत एवं मनोहारी दृश्य देखकर सदस्यगण मंत्रमुग्ध हो गये। सदस्यगणों के द्वारा संगम क्षेत्र में वीआईपी घाट पर बनाये गये सैण्ड आर्ट का अवलोकन किया गया। संगम क्षेत्र कार्यक्रम के पश्चात काशी तमिल संगमम् टीम के सदस्यगणों ने लेटे हनुमान जी का दर्शन एवं पूजन किए। इसके उपरांत टीम के सदस्य शंकर विमान मण्डपम मंदिर, स्वामी नारायण मंदिर भी गये। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 प्रभाकर त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर नगर मजिस्ट्रेट विनोद कुमार सिंह, प्रा०सहायक राकेश कुमार वर्मा, हरिशचंद्र दुबे सहित बड़ी संख्या लोग उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र

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