लोस चुनाव : मायावती के चुनावी दौरों से बदलेंगे पश्चिम के चुनावी समीकरण
मेरठ, 11 अप्रैल (हि.स.)। लोकसभा चुनाव में पहले दो चरणों का मतदान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में होगा। पहले दौर में 19 अप्रैल और दूसरे दौर में मतदान 26 अप्रैल को है। ऐसे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का चुनावी पारा बढ़ता जा रहा है। पश्चिम में सपा और भाजपा के लिए सिरदर्द बनी बसपा का चुनाव प्रचार अब जोर पकड़ेगा। बसपा प्रमुख मायावती के चुनावी दौरे से पश्चिमी की सभी सीटों के समीकरण प्रभावित होंगे।
बहुजन समाज पार्टी ने इस बार के लोकसभा चुनाव में लीक से अलग हटकर अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं। इसमें भाजपा के कैडर वोटर रहे त्यागी और क्षत्रिय समाज के उम्मीदवार भी शामिल है। ये उम्मीदवार भाजपा उम्मीदवारों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। बसपा ने अपने परंपरागत दलित मतदाताओं को साधने के लिए पार्टी अध्यक्ष मायावती और उनके उत्तराधिकारी आकाश आनंद की चुनावी सभाओं का कार्यक्रम तय किया है। आकाश आनंद अभी तक बिजनौर और नगीना में चुनावी सभाओं को संबोधित कर चुके हैं। इससे बसपा के चुनाव प्रचार में जान आ गई है। अब मायावती की चुनावी रैलियों का कार्यक्रम भी तय हो गया है। मायावती की पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 12 लोकसभा सीटों के लिए 10 चुनावी रैली होगी। 14 अप्रैल से मायावती की चुनावी सभाएं शुरू होगी। इनमें 14 अप्रैल को मुजफ्फरनगर और सहारनपुर लोकसभा सीट के देवबंद में मायावती की रैली होगी। 15 अप्रैल को रामपुर और मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र में चुनावी रैली होगी। 16 अप्रैल को बिजनौर और नगीना लोकसभा क्षेत्र में मायावती रैली करेंगी। 21 अप्रैल को गाजियाबाद व बागपत लोकसभा क्षेत्र की संयुक्त रैली मुरादनगर में और अमरोहा में रैली होगी। 22 अप्रैल को गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर लोकसभा सीट की संयुक्त रैली सिकंदराबाद में होगी। 23 अप्रैल को मायावती मेरठ लोकसभा सीट पर चुनावी जनसभा में भाग लेंगी। बसपा प्रमुख मायावती की चुनावी सभाओं से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनावी समीकरण बदलेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. कुलदीप/सियाराम
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