लोस चुनाव : कम मतदान से उलझे जीत के समीकरण
मेरठ, 27 अप्रैल (हि.स.)। मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट पर कम मतदान होने का उम्मीदवार की जीत के समीकरण उलझ गए हैं। जातीय आधार पर वोटरों में बंटवारा होने से भाजपा और सपा में कांटे की टक्कर दिखाई दे रहे हैं। मतदान सम्पन्न होने के बाद राजनीतिक दलों के समर्थक अब हार-जीत की गुणा-भाग में लग गए हैं और चार जून को मतगणना का इंतजार करने लगे हैं।
मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट पर भाजपा ने तीन बार के सांसद राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काटकर अभिनेता अरुण गोविल को चुनाव मैदान में उतारा। सपा ने तीन बार टिकट बदलने के बाद दलित वर्ग की पूर्व महापौर सुनीता वर्मा को उम्मीदवार बनाया। बसपा ने भाजपा के कैडर वोट बैंक त्यागी समाज के देवव्रत त्यागी को टिकट दिया। भाजपा ने इस सीट को जीतने के लिए ताकत झोंक दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक जनसभा हुई तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच बार मेरठ का दौरा किया। 26 अप्रैल को हुए चुनाव में मतदान का प्रतिशत कम होने से हार-जीत के समीकरण उलझ गए हैं। मतदान में जातीय आधार पर वोटों में बंटवारा होने से सपा और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर की सम्भावना बन गई है।
चुनाव आयोग और राजनीति दलों ने लोगों से अधिक से अधिक मतदान करने की अपील की थी, लेकिन इसके बाद भी बड़ी संख्या में मतदाता वोट डालने के लिए घर से बाहर नहीं निकले। मेरठ लोकसभा सीट पर शुक्रवार को 58.94 प्रतिशत मतदान हुआ। कुल 11 लाख 79 हजार 221 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मेरठ सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में 64.25 प्रतिशत मतदान हुआ था। अबकी बार 5.55 प्रतिशत कम मतदान हुआ है। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों के समीकरण उलझ गए हैं।
मतदान होने के बाद राजनीतिक दलों के समर्थक हार-जीत का गुणा-भाग करने में जुटे हैं। सभी समर्थक अपने प्रत्याशियों की जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन जातीय मतों में बंटवारा होने से जीत के स्पष्ट समीकरण नहीं दिखाई दे रहे हैं। बसपा का परम्परागत जाटव मतदाता द्वारा बड़ी संख्या में साईकिल पर मतदान किया गया। इसी तरह से अधिकतर मुस्लिमों ने साईकिल का रुख किया। बसपा उम्मीदवार देवव्रत त्यागी ने जरूर भाजपा के कैडर वोटर त्यागी समाज में सेंधमारी की। सपा उम्मीदवार सुनीता वर्मा ने भी भाजपा के वोटरों में सेंधमारी की।
हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. कुलदीप/विद्याकांत
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