राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान हंगामे पर सीएम योगी ने सपा समेत विपक्ष को दी नसीहत
-सीएम योगी ने कहाः एक घंटे से अधिक के अभिभाषण के दौरान सपा के व्यवहार ने महिलाओं के प्रति उसके वास्तविक चरित्र को किया उजागर
-विपक्ष को नजीर देते हुए सीएम ने कहा कि कम से कम बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर द्वारा बनाये गये संविधान का ही पालन कर लेना चाहिए था
-सीएम योगी ने कहाः अगर आपको आपत्ति थी तो मत सुनिए मगर जिस प्रकार का अभद्र व्यवहार किया जा रहा था उसे देखकर मैं था भौचक
-मिशन शक्ति, महिला स्वावलंबन तथा महिला सुरक्षा समेत कई अहम तथ्यों का सीएम योगी ने भाषण में किया उल्लेख
लखनऊ, 7 फरवरी। महिला संबंधित अपराध के बारे में नेता प्रतिपक्ष की टिप्पणी पर सीएम योगी ने करारा प्रहार करते हुए समूचे विपक्ष को नसीहत दे डाली। बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर आभार ज्ञापन के दौरान सीएम योगी ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि महिला संबंधित अपराध के बारे में नेता प्रतिपक्ष ने टिप्पणी की थी। समाजवादी पार्टी का रवैया महिलाओं के प्रति क्या है उसका उदाहरण हमने सदन में महिला राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान दिखा। राज्यपाल एक संविधानिक प्रमुख हैं इतनी वरिष्ठ हैं। उनके एक घंटे से अधिक के उनके अभिभाषण के दौरान सपा का व्यवहार महिलाओं के प्रति उसके वास्तविक चरित्र को प्रदर्शित करता है। सपा समेत विपक्ष को आइना दिखाने के साथ ही सीएम योगी ने मिशन शक्ति, महिला स्वावलंबन तथा महिला सुरक्षा समेत कई अहम विषयों में उत्तर प्रदेश की प्रगति का खाका पेश किया।
सपा के अभद्र व्यवहार ने मुझे किया भौचकः सीएम योगी
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के पर आभार ज्ञापन के दौरान सीएम योगी ने नेता प्रतिपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आपको विरोध करना ही था तो करते मगर कम से कम बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर द्वारा बनाए गये संविधान का तो पालन कर लेते। उन्होंने आगे कहा कि आपत्ति है तो मत सुनिए मगर जिस प्रकार विपक्ष ने अभद्र व्यवहार किया उससे मैं भौचक था।
14 प्रतिशत से बढ़कर 32 प्रतिशत हुआ प्रदेश में महिला वर्क फोर्स
महिला सशक्तिकरण और मिशन शक्ति से जुड़ी उपलब्धियों की ओर भी सीएम योगी ने सदन का ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले महिला वर्क फोर्स केवल 14 फीसदी थी जो अब 2023 में बढ़कर 32.1 प्रतिशत हो गया है। हमने महिला सुरक्षा, सम्मान स्वावलम्बन के लिए मिशन शक्ति अभियान चलाया है। इसके अतिरिक्त, सामाजिक सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के जरिए 17 लाख 82 हजार बालिकाएं लाभान्वित हुईं। निराश्रित महिला पेंशन से 31.50 लाख महिलाओं को लाभ मिला है। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री मातृ वंदना जैसे प्रयास से 55 लाख लाभान्वित हुए जो इस बात को सुनिश्चित करता है कि बेटियां बोझ न बनें। महिला स्वावलम्बन के लिए बीसी सखी (57 हजार ग्राम पंचायतों में) स्वयं सहायता समूह ( 01 करोड़ महिलाएं जुड़ीं) पुलिस में 20% पद आरक्षित जैसे प्रयास भी राज्य सरकार द्वारा किए गए जबकि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत अब तक 3.10 लाख जोड़ों का विवाह भी संपन्न कराया गया है।
महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किए गए हैं यह प्रयास...
● 22,670 पदों पर महिला पुलिस कर्मियों की हुई है प्रदेश में भर्ती।
● 7 नये महिला पुलिस थानों की प्रदेश में हुई है स्थापना।
● वीरांगना झलकारी बाई महिला पीएसी बटालियन गोरखपुर, वीरांगना अवन्ती बाई महिला पीएसी बटालियन बदायूं व वीरांगना उदा देवी महिला पीएसी बटालियन लखनऊ की हुई स्थापना।
● प्रदेश में पहली बार महिला पुलिस कर्मियों को बीट पुलिस के रूप में दायित्व दिया गया। वर्तमान में 10,417 महिला बीट गठित हैं।
● महिला सम्बन्धी अपराधों में संलिप्त अपराधियों को सजा दिलाने में देश में उत्तर प्रदेश नम्बर एक राज्य है, जो प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।
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