बिजली दर संशोधन मामले में उपभोक्ता परिषद ने निदेशक वाणिज्य के खिलाफ की सख्त कार्रवाई की मांग
लखनऊ, 25 जुलाई (हि.स.)। अभी राज्य विद्युत नियामक आयोग में बिजली
दर संशोधन पर सुनवाई चल रही है। इसी बीच उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के निदेशक वाणिज्य द्वारा विद्युत
नियामक आयोग को वर्ष 2024- 25 कीनयी बिजली दर जारी करने के लिए पत्र भेज दिया गया। इसे लेकर उपभोक्ता परिषद पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन व निदेशक वाणिज्य के
खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
इसके लिए राज्य विद्युतउपभोक्ता परिषद अध्यक्षअवधेश कुमार
वर्मा ने विद्युत नियामक
आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर विरोध पत्र सौंपा। उन्होंने कहा कि पावर कारपोरेशन के निदेशक वाणिज्य ने नयी बिजली दर जारी की है। संवैधानिक अधिकार
का हनन इस पूरे मामले पर आयोग विद्युत अधिनियम 2003 के तहतकठोर
कदम उठाए।प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का जब बिजली कंपनियों पर निकल रहा
है। लगभग 33122 करोड़ सरप्लस तो देश का कोई भी कानून प्रदेश में बिजली दरों में
बढोतरी की इजाजत नहीं देता। ऐसे में पावर कॉरपोरेशन कितना भी दबाव बना ले।सफल संवैधानिक
अधिकारों के तहत ही आगे बढाना होगा।
प्रदेश की बिजली कंपनियां की बिजली दर की सुनवाई
के बीच उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा विद्युत नियामक आयोग पर भारत
सरकार सरकार द्वारा आरडीएसएस की मीटिंग में लिए गए एक निर्णय के क्रम में उत्तर
प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के ऊपर असंवैधानिक दबाव बनाकर चोर दरवाजे बिजली दरों में बढोतरी करने के लिए षड्यंत्र किए
जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश
कुमार वर्मा ने गुरुवार को विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय
कुमार सिंह से मुलाकात कर पावर कारपोरेशन के असंवैधानिक
कार्यवाही का विरोध करते हुए कहाकि यह बहुत गंभीर मामला है। पावर कॉरपोरेशन के निदेशक वाणिज्य द्वारा
विद्युत नियामक आयोग को पत्र लिखकर वर्ष 2024 -25 की बिजली दर को जारी करने का निर्देश दिया जा रहा है। उन्हें क्या विद्युत नियामक आयोग का
अधिकार नहीं पता है? उन्हें शायद या नहीं पता है कि विद्युत नियामक आयोग एक अर्ध
न्यायिक स्वतंत्र संस्था है।
उसके साथ इस प्रकार का पत्राचार संवैधानिक
अधिकारों का हनन है। ऐसे में पावर
कार्पोरेशन प्रबंधन और निर्देशक वाणिज्य के खिलाफ संवैधानिक परिपाटी का उल्लंघन
करने के लिए विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के तहत कठोर कार्रवाई की जाए।उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि पावर
कॉरपोरेशन कितना भी जोर लगा ले जब प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों
पर 33122 करोड सर प्लस निकल रहा है तो देश का कोई ऐसा कानून नहीं है, जो प्रदेश
में विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में बढोतरी की इजाजत दे।
हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र नाथ राय / Siyaram Pandey
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