प्रसिद्ध दशहरे मेले में आयोजित हुआ संस्कृत सम्मेलन, गीतकार और संगीतकारों की धुन पर नाचे लोग

WhatsApp Channel Join Now
प्रसिद्ध दशहरे मेले में आयोजित हुआ संस्कृत सम्मेलन, गीतकार और संगीतकारों की धुन पर नाचे लोग


प्रसिद्ध दशहरे मेले में आयोजित हुआ संस्कृत सम्मेलन, गीतकार और संगीतकारों की धुन पर नाचे लोग


प्रसिद्ध दशहरे मेले में आयोजित हुआ संस्कृत सम्मेलन, गीतकार और संगीतकारों की धुन पर नाचे लोग


लखीमपुर खीरी, 04 नवम्बर (हि.स.)। दशहरा मेला के सांस्कृतिक आयोजनों में आठवें दिन स्थानीय संगीत सम्मेलन में फिल्मी गीतों की धूम रही। लखनऊ से आई धनक स्वदेशी बैंड पार्टी ने नमन पांडिया, शीलू श्रीवास्तव, शकील रायने व खतीब खान (जूनियर शब्बीर कुमार) जैसे कलाकारों ने रात भर फिल्मी गीतों से महफिल को सजाया। रात लगभग दो बजे तक चले फिल्मी गीतों के इस कार्यक्रम में श्रोता पूरे पंडाल में झूमते रहे।

स्थानीय संगीत सम्मेलन में फिल्मी गीतों का यह कार्यक्रम रात लगभग नौ बजे दीप प्रज्वलन के साथ शुरू हुआ। जब मुख्य अतिथि भाजपा के वरिष्ठ नेता शरद वाजपेई ने मंच पर दीप प्रज्वलित किया, उनके साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता सुनील बाथम भी बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। इसके बाद बजरंग शर्मा के संचालन में जिन्हें विशिष्ट सम्मान दिया गया उनमें प्रकाश गुप्ता के अलावा, मीनू गुप्ता, अमित गुप्ता, कनिष्क बरनवाल, राजीव मिश्रा व गोपाल अग्रवाल शामिल थे, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष डा.इरा श्रीवास्तव व ईओ संजय कुमार ने इन सभी को सम्मानित किया।

इसके बाद शुरू हुए फिल्मी गीतों के कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई, जिसमें नमन पांडिया तथा शीलू श्रीवास्तव ने गणेश वंदना प्रस्तुत की। फिर शुरू हुई जुगलबंदी में नमन पांडिया का ने मेरे रश्के कमर तूने पहली नजर और गुलाबी आंखें जो तेरी देखी, गीत सुनाया तो श्रोता झूम उठे।

शीलू श्रीवास्तव ने ये मेरा दिल प्यार का दीवाना.. और शीशा हो या दिल हो आखिर टूट जाता है जैसे गीत गा कर श्रोताओं को वाह वाह करने पर मजबूर किया। इसके बाद फिर नमन पांडिया ने गीत सुनाया, तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी, इस दौरान पूरा पंडाल तालियों से गूंजता रहा। देर रात शीलू श्रीवास्तव का गाया गया गीत सइंया ले गई जिया मेरी पहली नजर ,जहां लोगों को पसन्द आया, वहीं झुमका गिरा रे बरेली की बाजार में सुनकर के श्रोता कुर्सियों से उठकर झूमते नजर आए।

कार्यक्रम में खतीब खान का गाया गीत जब हम जवां होंगे, शकील का गाया गया एक हसीना थी एक दीवाना था भी लोगों को बहुत पसंद आया। इसके अलावा पर्दा है पर्दा है, पर्दा है पर्दा तथा मेरा चांद मुझे आया है नजर, जैसे गानों ने धूम मचाई। फिर तो रात भर बने चाहे दुश्मन जमाना हमारा, सलामत रहे दोस्ताना हमारा, जैसे गीत तथा यम्मा यम्मा ये खूबसूरत समा, जैसे गीत भी सुनाकर नमन पांडिया ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। रात लगभग तीन बजे तक चले इस कार्यक्रम का समापन नमन पांडिया, शीलू श्रीवास्तव, शकील व खतीब खान सभी साथियों ने सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी गीत से किया।

इस दौरान संगीत में सहयोग करने वालों में की बोर्ड पर पंकज सिंह, ढोलक पर अश्विनी कुमार, ड्रम पर दिलीप साहू और गिटार पर भरत तथा पैड पर विजय ने इस कार्यक्रम को ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

हिन्दुस्थान समाचार/देवनन्दन /मोहित

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story