पानी की पाठशाला में जल योद्धा उमाशंकर पाण्डेय ने दिया जल संरक्षण का संदेश
बांदा, 16 दिसंबर (हि.स.)। जल ही जीवन है, इसे बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है यह संदेश मंगलवार को विद्यावती निगम मेमोरियल पब्लिक विद्यालय में आयोजित पानी की पाठशाला कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पद्मश्री उमाशंकर पाण्डेय ने दिया। उन्होंने कहा कि केवल योजनाएं बनाना पर्याप्त नहीं है, बल्कि जल संरक्षण के लिए जन-जन की भागीदारी और व्यवहारिक प्रयास आवश्यक हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सभी धर्मों में जल को पवित्र माना गया है। इसलिए इसका संरक्षण हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक जिम्मेदारी है। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा अतिथियों के स्वागत एवं बैज अलंकरण से हुई। विद्यालय के निदेशक पूर्णाशीश रथ ने स्वागत भाषण में जल संकट की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए अतिथियों का अभिनंदन किया।
छात्रों ने “पानी की कहानी, बचानी है ये ज़िंदगानी” और “नदियाँ हमारी, उन्हें बचाना हमारी जिम्मेदारी” जैसे संदेशों से परिपूर्ण सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से जल संरक्षण का महत्व दर्शाया, जिसे उपस्थित जनसमूह ने सराहा।
कार्यक्रम में खेत पर मेड़, मेड़ पर पेड़ अभियान के प्रणेता उमाशंकर पाण्डेय को अंगवस्त्र और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर केसीएनआईटी समूह के अध्यक्ष अरुण कुमार निगम ने विद्यार्थियों को माता-पिता के प्रति कर्तव्यनिष्ठा और सम्मान का भाव रखने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि माता-पिता को कभी उपेक्षित न समझें, उनका सम्मान करना जीवन की सच्ची शिक्षा है।
विद्यालय की प्रधानाचार्या ने पानी की पाठशाला विषय पर विचार रखते हुए जल संकट के कारणों की पहचान और उनके समाधान पर गंभीर मंथन की आवश्यकता बताई। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थितजनों ने जल संरक्षण का संकल्प लिया और शपथ ली। इसके उपरांत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सामूहिक गान हुआ और भारत माता की जय के उद्घोष के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल सिंह

