धर्म जाति से विरत होकर भारत और बनारस का नाम रोशन करें बाल कवि : रवीन्द्र जायसवाल

WhatsApp Channel Join Now
धर्म जाति से विरत होकर भारत और बनारस का नाम रोशन करें बाल कवि : रवीन्द्र जायसवाल


वाराणसी, 18 दिसम्बर (हि. स.)। वाराणसी कमिश्नरी सभागार में 26 नवम्बर से 18 दिसम्बर तक हुए बाल कवि सम्मेलन प्रतियोगिता का समापन हुआ। प्रतियोगिताओं में कक्षा 6 से 8 तक एक वर्ग एवं कक्षा 9 से 12 तक के दूसरे वर्ग में बच्चों ने भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि स्टाम्प एवं पंजीयन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रविंद्र जायसवाल ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि बनारस में सूफी पद्धति के कबीर दास, प्रेम के तुलसीदास एवं भक्ति के रैदास सभी लोग काशी में रहे हैं। इसके बाद की पीढ़ी में मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद एवं खड़ी बोली को हिंदी भाषा का स्तंभ बनाने वाले भारतेंदु हरिश्चंद्र सब लोग बनारस में ही रहे। इसके आगे की पीढ़ी में चकाचक बनारसी, सांड बनारसी, डंडा बनारसी, भैया जी बनारसी, यह सब लोग बनारसी अंदाज के बनारसी कवि हुए हैं। मेरी मंशा है कि इस प्रतियोगिता मे विजेता बच्चों के नाम के आगे युवा बनारसी कवि के रूप में पहचाने जाए।

उन्हाेंने कहा कि, अगर विश्व में टैलेंट के लिए कविता की प्रतियोगिता हो, तो उसका मेडल निश्चित रूप से भारत के युवा और बनारस के प्रतिभाशाली बच्चों के नाम होगा। हम इन बच्चों से आग्रह करते हैं, धर्म जाति से विरत होकर अपने देश को पहले स्थान पर रखते हुए भारत और बनारस का नाम रोशन करें।

भाजपा के महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि ने कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री एवं काशी के सांसद नरेंद्र मोदी ने कला, संस्कृति, खेलकूद एवं कविता के क्षेत्र में बच्चों की प्रतिभा निखारने के लिए यह मंच उपलब्ध कराया है। आज इन बच्चों की स्वरचित कविताएं सुनकर लगता है बनारस में प्रतिभा की कमी नहीं है। यह बच्चे कल का भविष्य है और बनारस का नाम पूरी दुनिया में रौशन करने में कामयाब होंगे। मैं सभी प्रतिभागियों को शुभकामना देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।

वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी ने कहा प्रधानमंत्री मोदी जो सोचते है, हम उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते। पिछले महीने वंदे भारत ट्रेन के उद्घाटन के समय कोच के अंदर एक बच्चे ने अपनी कविता उनको सुनाई थी, तब उन्होंने पूछा था कि इन बच्चों के लिए आप लोग क्या सोचते हैं। हम लोग इस विषय पर कुछ भी नहीं बता सके। तब प्रधानमंत्री ने कहा कि इन बच्चों के लिए आप प्रतियोगिता आयोजित करिए और मंच उपलब्ध कराइए। उनकी प्रेरणा से ही प्रेरित होकर नगर निगम ने इस प्रतियोगिता का आयोजन करवाया और विजेताओं के लिए प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय क्रमशः 50 हजार, 30 हजार, 20 हजार का पुरस्कार प्रायोजित किया। इन बच्चों की प्रतिभाओं को देखकर लगता है कि अगर इनको अवसर मिलेगा तो यह पूरी दुनिया में बनारस का नाम ऊंचा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मैं इस मंच से यह घोषणा करता हूं कि अगले साल नगर निगम प्रतियोगिता की धनराशि को दुगना करेगा। मैं बच्चों की कविताओं से आत्म विभोर हूं और उनके लिए मेरी शुभकामनाएं हैं।

कार्यक्रम में वाराणसी के जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने भी अपना विचार व्यक्त किये और कहा कि जिस तरह की प्रतिभा इन बच्चों में दिखाई दी, उस तरह की प्रतिभा हम लोगों के बचपन में अकल्पनिय थी। और इस तरह का कोई मंच भी उपलब्ध नहीं था। आज प्रधानमंत्री की प्रेरणा और जिला प्रशासन के सहयोग से हर क्षेत्र में इस तरह का मंच उपलब्ध है।

अतिथियों ने विजेताओं को मेडल, प्रमाणपत्र एवं डमी चेक प्रदान किया। चेक की धनराशि नगर निगम विजेताओं के खाते में ट्रांसफर कर देगा। पुरस्कार पाने वाले कक्षा 6 से 8 वर्ग के बाल कवियों में प्रथम स्थान प्रत्यूष चौरसिया, द्वितीय स्थान कौस्तुभ शुक्ला एवं तृतीय स्थान कार्तिक यादव को दिया गया। कार्यक्रम में उपस्थित भाजपा के प्रमुख नेताओं में चंद्रशेखर उपाध्याय, अशोक कुमार पाण्डेय, प्रमील पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / श.चन्द्र

Share this story