जांच रिपोर्ट में खुलासा, अपंजीकृत अस्पताल की मनमानी ने ली प्रसूता की जान

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जांच रिपोर्ट में खुलासा, अपंजीकृत अस्पताल की मनमानी ने ली प्रसूता की जान


सीतापुर, 22 दिसम्बर (हि.स.)। साण्डा इलाके में रविवार को प्रसव के दौरान हुई प्रसूता की मौत के मामले में जिलाधिकारी के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट ने निजी अस्पतालों की खतरनाक लापरवाही और मनमानी को बेनकाब कर दिया है। जांच में साफ हुआ है कि अपंजीकृत आयुष्मान हेल्थकेयर हॉस्पिटल, साण्डा में जबरन सिजेरियन ऑपरेशन कराए जाने के कारण महिला की जान गई।

इस जांच रिपोर्ट के आ जाने के बाद अस्पताल संचालक के खिलाफ सांडा सीएचसी अधीक्षक की ओर से एफआईआर दर्ज करवा दी गई है।

सोशल मीडिया पर यह मामला सामने आने के बाद जिलाधिकारी द्वारा त्वरित संज्ञान लेते हुए उपजिलाधिकारी सदर धामनी एम. दास, उपमुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजशेखर एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. गोविन्द गुप्ता की तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी। समिति ने अपनी जांच आख्या आज सोमवार को सौंप दी।

जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक द्वारा प्रसूता के सामान्य प्रसव योग्य होने की बात कही गई थी। इसके बावजूद अपंजीकृत निजी अस्पताल द्वारा सिजेरियन प्रसव कराने का दबाव बनाया गया। ऑपरेशन के दौरान महिला को अत्यधिक रक्तस्राव हुआ, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई और अंततः उसकी मौत हो गई।

जांच समिति ने स्पष्ट रूप से माना कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही और अवैध संचालन इस मौत का प्रमुख कारण है। समिति ने दोषी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराने की प्रबल संस्तुति की है।

गौरतलब है कि इससे पहले महिला की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरीक्षण के बाद अस्पताल को सीज कर दिया गया था और रिकॉर्ड कब्जे में ले लिए गए थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / Mahesh Sharma

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