उप्र में 11 हजार ग्राम पंचायतों में स्थापित होगी डिजिटल लाइब्रेरी
-गांव के छात्रों को सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए गांव में ही मिलेगी सुविधा
-हर लाइब्रेरी पर चार लाख रुपये खर्च करेगी उप्र सरकार
लखनऊ, 17 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण युवाओं को आधुनिक शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की बेहतर तैयारी का अवसर देने के लिए योगी सरकार ने बड़ी पहल की है। इसके तहत पहले चरण में प्रदेश की 11,350 ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित की जा रही है, जिससे गांव के छात्र अब शहरों पर निर्भर हुए बिना सिविल सर्विसेज सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे।
हर डिजिटल लाइब्रेरी पर चार लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें दो लाख रुपये की पुस्तकों की व्यवस्था होगी, जबकि 1.30 लाख रुपये के आईटी इक्यूपमेंट और 70 हजार रुपये के आधुनिक फर्नीचर लिए जाएंगे। लाइब्रेरी में ई-बुक्स, वीडियो लेक्चर, ऑडियो कंटेंट, क्विज और करीब 20 हजार डिजिटल शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध रहेगी।
योगी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत 35 जिलों में पुस्तकों का चयन पूरा कर लिया गया है। राजधानी लखनऊ समेत इन जिलों की पंचायतों में जल्द ही डिजिटल लाइब्रेरी शुरू होंगी। योगी सरकार की यह पहल ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की दिशा में ग्रामीण प्रतिभाओं को डिजिटल शक्ति देने का मजबूत कदम मानी जा रही है।
इस संबंध में उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बुधवार काे कहा कि डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना से ग्रामीण युवाओं को अपने गांव में ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का अवसर मिलेगा। यह योजना गांव और शहर के बीच शिक्षा के अंतर को कम करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। पंचायतों को शिक्षा का केंद्र बनाकर हम ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं।
पंचायतीराज निदेशक अमित कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी एवं पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर के निर्देश पर प्रदेश के सभी जिलों की पंचायतों में चरणबद्ध तरीके से डिजिटल लाइब्रेरी खोली जाएंगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर सुधरेगा और युवा रोजगार के लिए अधिक सक्षम बन सकेंगे। डिजिटल लाइब्रेरी का प्रबंधन ग्राम प्रधान और सचिव करेंगे, जबकि सहायक अधिकारी इसकी नियमित देखरेख करेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / मोहित वर्मा

