काशी में होलिका का आकार बढ़ाने में जुटे युवा, होलिका की मूर्ति आकर्षण का केन्द्र
- होलिका दहन पर भद्रा का साया, रात 11.13 के बाद होलिका दहन
वाराणसी, 23 मार्च (हि.स.)। काशीपुराधिपति की नगरी में रंगों के पर्व होली और होलिका दहन को लेकर युवाओं में खासा उत्साह है। युवा होलिका दहन के पूर्व उसका आकार बढ़ाने में जुट गए हैं। होलिका में इस बार कई स्थानों पर होलिका की मूर्तियां लोगों में आकर्षण का केन्द्र है। चेतगंज सेनपुरा चौराहा,पांडेयपुर सहित अन्य स्थानों पर मूर्तियों के साथ ईको फ्रेंडली गोहरियों से बनी होलिका भी लोगों को अपनी ओर खींच रही हैं।
युवा उपली की होलिका में लकड़ियों को रखने से परहेज कर रहे हैं। कुछ स्थानों पर युवा पर्व पर पर्यावरण सरंक्षण का संदेश भी दे रहे हैं। वहीं, शहर के अन्य स्थानों पर होलिका में पेड़ की टहनियों के साथ अनुपयोगी सामान भी युवा रख रहे हैं।
गौरतलब हो कि रविवार 24 मार्च को होलिका दहन होगा। पंचांग के अनुसार, इस वर्ष फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 09 बजकर 55 से लगेगी। और इसका समापन 25 मार्च 2024 को दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर होगा। ऐसे में होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा। वहीं, होली का पर्व 25 मार्च को मनाया जाएगा। होलिका दहन के दिन रविवार को भद्राकाल सुबह 9.55 से शुरू होकर रात 11.13 बजे तक रहेगा। ऐसे में भद्रा के बाद रात 11.13 बजे होली जलेगी।
ज्योतिषविदों के अनुसार होलिका दहन के लिए महज 1.20 घंटे का शुभ मुहूर्त बन रहा है। होलिका दहन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग में होगा। ज्योतिषविदों के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7.34 बजे से अगले दिन सुबह 6.19 बजे तक है। रवि योग सुबह 6.20 बजे से सुबह 7.34 बजे तक रहेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/राजेश
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