जीआईएस और जीबीसी के केंद्र में युवा : मुख्यमंत्री

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जीआईएस और जीबीसी के केंद्र में युवा : मुख्यमंत्री


-प्रदेश सरकार की रोजगारपरक नीतियों से युवाओं को परिचित कराएंगे सेवानिवृत्त अधिकारी और वरिष्ठ शिक्षाविद, 42 सदस्यीय टीम गठित

लखनऊ, 16 फरवरी (हि.स.)। 10 लाख करोड़ से अधिक की औद्योगिक परियोजनाओं की एक साथ ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से पहले सेवानिवृत्त अधिकारियों और वरिष्ठ शिक्षाविदों का समूह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 और जीबीसी@IV के विविध आयामों से युवाओं को परिचय कराएगा।

इसके लिए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के 12, भारतीय पुलिस सेवा के 04 और भारतीय वन सेवा के 07 अधिकारियों (सभी सेवानिवृत्त) तथा 19 शिक्षाविदों सहित की 42 सदस्यीय टीम गठित की है।

17-18 फरवरी को यह टीम अलग-अलग विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों में युवाओं से संवाद कर नौकरी, रोजगार, सेवायोजन से जुड़ी उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करेगी। साथ ही, युवाओं के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 और जीबीसी@IV के संबंध में जागरूक करेगी। इसी क्रम में शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पर अयोजित विशेष कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सेवानिवृत्त अधिकारियों और वरिष्ठ शिक्षाविदों की 42 सदस्यीय विशेष टीम के साथ संवाद किया।

इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत वर्ष 10-12 फरवरी तक आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की अभूतपूर्व सफलता से आप सभी सुपरिचित हैं। लगभग 40 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव हमें प्राप्त हुए और अब एक वर्ष के भीतर ही इन्हें जमीन पर उतारा जा रहा है। यह प्रदेश के समग्र विकास और हमारे युवाओं के नौकरी, सेवायोजन के लिए अत्यंत लाभकारी होगा। आप सभी प्रदेश की इस सफलता के साक्षी रहे हैं, सहयात्री रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अपार संभावनाओं का प्रदेश है। देश और प्रदेश के समग्र विकास में हमें इन संभावनाओं को जमीन पर उतारना होगा। आप सभी के पास सार्वजनिक जीवन का लंबा अनुभव है। महत्वपूर्ण पदों पर दायित्व निर्वहन किया है। आपके इन अनुभवों से हमारे युवा लाभान्वित हों, इसके लिए आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी जैसे प्रयास केवल उद्यमियों के लिए नहीं हैं, इसके केंद्र में हमारा युवा वर्ग है। इसका सबसे ज्यादा लाभ युवाओं को ही होगा। उद्योग लगेंगे तो रोजगार के अवसर सृजित होंगे और इसका सीधा लाभ हमारे युवाओं को होगा। हम अपने युवाओं का कौशल उन्नयन भी कर रहे हैं और उनके लिए रोजगार के अवसर भी बना रहे हैं।

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास में असमानता एक बड़ी समस्या रही है। मध्य उत्तर प्रदेश और एनसीआर की तुलना में पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड का बहुत कम विकास हुआ था। यहां न तो इंफ्रास्ट्रक्चर डिवलेपमेंट का काम हुआ था न ही लोगों के जीवन स्तर में सुधार के प्रयास। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड में उद्योग नहीं लग पाए। नतीजतन यहां के युवाओं के सामने पलायन का संकट रहा। हमने इस असमान विकास की समस्या के स्थायी निराकरण के लिए ठोस प्रयास किये हैं।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-23 इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रहा कि इसमें प्रदेश के हर जिले के लिए निवेश मिला है। अब औद्योगिक विकास केवल एनसीआर अथवा कुछ चुनिंदा नगरों तक सीमित नही है, बल्कि हर एक जिला इससे लाभान्वित है। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का लाभ प्रदेश के सभी 75 जिलों को मिलेगा। 19 फरवरी के मुख्य समारोह से सभी जिलों को जोड़ा जाएगा।

किसी भी योजना की सफलता के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि वह योजना जिसके लिए बनाई गई है, उसे उसकी जानकारी हो। अच्छी योजनाएं जागरूकता के अभाव में असफल हो जाती हैं। इसलिए सरकार, इंडस्ट्री और शिक्षण संस्थाओं के बीच सतत संवाद और संपर्क महत्वपूर्ण है। इस उद्देश्य से राज्य सरकार आप सभी अनुभवी अधिकारियों और शिक्षाविदों का सहयोग ले रही है।

उन्होंने कहा कि जीबीसी@IV के आयोजन के पूर्व विश्वविद्यालयों व अन्य शैक्षिक संस्थानों में आप सभी का युवाओं से संवाद महत्वपूर्ण होगा। संवाद करते हुए आप उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई विभिन्न नीतियों के माध्यम से उत्तर प्रदेश में वृहद पूंजी निवेश आकर्षित किये जाने की योजनाओं की जानकारी दें। भारत सरकार और प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं से उनका परिचय कराएं। उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करें। ताकि अधिकाधिक युवा योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। यह समिट किस प्रकार उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए उपयोगी होगा, इस संबंध में मार्गदर्शन करें।

उन्होंने बताया कि हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई जो बताती है कि तमिलनाडु से 60 हजार श्रमिक प्रदेश वापस लौटे। यह सभी टेक्सटाइल सेक्टर में कार्य कर रहे थे। निश्चित रूप से इन्हें उत्तर प्रदेश में अपने सुखमय और सुरक्षित भविष्य की संभावना दिखी होगी, तभी इन्होंने उत्तर प्रदेश लौटने का निर्णय लिया। यहां यह भी समझना होगा कि यह श्रमिक केवल फैक्ट्री में काम ही नहीं करते हैं, यह प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में योगदान भी करते हैं। इसी तरह, कोरोनाकाल में प्रदेश लौटे प्रवासी जनों की हमने स्किल मैपिंग की और यहीं रोजगार मुहैया कराया।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों को अपने सामाजिक दायित्वों का भी निर्वहन करना चाहिए। यहां अध्ययनरत युवा सरकार की नीतियों, योजनाओं, कार्यक्रमों से सुगमतापूर्वक परिचित हो सकें, इसके लिए सहज व्यवस्था होनी चाहिए। विश्वविद्यालयों को इसके लिए स्वप्रेरणा से कार्य करना होगा।

टीम में शामिल पूर्व अधिकारियों के नाम

गठित टीम में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी नवनीत सहगल, मुकुल सिंघल, राजीव कपूर, प्रदीप कुमार, अवनीश कुमार अवस्थी, संजीव मित्तल, अरविंद कुमार, तुरामल्ला वेंकटेश, देश दीपक वर्मा, विजय शर्मा, संजय भूसरेड्डी, अविनाश श्रीवास्तव, केवी राजू, विक्रम सिंह, जी.एन. सिंह, भानु प्रताप सिंह, उमेन्द्र शर्मा, उमा शंकर सिंह, सीएल मणिकांत, आशुतोष कुमार पंत, महेंद्र प्रताप सिंह, आरके. सिंह, पियूष रंजन अग्रवाल, डॉ. निशी पांडे, प्रोफ़ेसर बलराज चौहान, प्रोफ़ेसर आरएन राय, प्रोफ़ेसर अशोक कुमार शुक्ला, प्रोफ़ेसर वीके सहगल, प्रोफ़ेसर बीआर कुकरेती, ओम प्रकाश सिंह, प्रोफ़ेसर विष्णु दत्त पांडे, डॉक्टर अरविंद कुमार, प्रोफ़ेसर विके जैन, प्रोफ़ेसर एसके. सिंह, प्रोफ़ेसर एनसी गौतम, प्रोफ़ेसर एसएल. श्रीवास्तव, प्रोफ़ेसर सीडी. सिंह, डॉक्टर केएमएल. पाठक, प्रोफेसर एपी तिवारी, प्रोफेसर योगेन्द्र सिंह, प्रोफ़ेसर डीपी. सिंह शामिल हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिलीप शुक्ल/राजेश

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