योगी ने की ताइवान, यूएस और कोरिया को टक्कर देने की तैयारी

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- यूपी की सेमीकंडक्टर नीति बनाएगी भारत को दुनिया की तीसरी आर्थिक ताकत 

- योगी सरकार ने हाल ही में सेमीकंडक्टर नीति 2024 को दी है मंजूरी 

- उत्तर प्रदेश की सेमीकंडक्टर नीति को विशेषज्ञों ने भी सराहा 

- 1.5 ट्रिलियन डॉलर के सेमीकंडक्टर बाजार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजर 

- तीन प्रकार की वित्तीय और आठ प्रकार की गैर वित्तीय प्रोत्साहन दे रही योगी सरकार

- अभी ताइवान की टीएसएमसी, अमेरिका की इंटेल और कोरिया की सैमसंग का है इस उद्योग पर दबदबा

लखनऊ। उद्योग प्रदेश की राह पर बढ़ रहा उत्तर प्रदेश जल्द माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्रीज़ का भी हब बनने की दिशा में अग्रसर है। योगी सरकार ने हाल ही में बहुप्रतीक्षित यूपी सेमीकंडक्टर नीति 2024 को मंजूरी दे दी है। इसके बाद प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग की रीढ़ कहे जाने वाले सेमीकंडक्टर्स के बड़े पैमाने पर निर्माण की राह काफी आसान हो जाएगी। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भारत को विश्व की तीसरी महाशक्ति बनने की चाह भी सेमीकंडक्टर शक्ति संपन्न होने पर ही पूरी हो सकेगी। अब पीएम मोदी के इस विजन को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मिशन मोड में पूरा करने में जुट गई है। 

अभी टीएसएमसी, इंटेल और सैमसंग का है दबदबा 
सेमीकंडक्टर के पूरे इकोसिस्टम पर नजर डालें तो वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस उद्योग का कुल वैश्विक राजस्व 950 बिलियन यूएस डॉलर से अधिक का रहा है। फिलहाल सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में ताइवान सबसे बड़ा प्लेयर है। दुनियाभर में उपयोग होने वाले सेमीकंडक्टर्स का 60 फीसदी निर्माण ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन (टी.एस.एम.सी.) ही करती है। इसके साथ ही अमेरिका, जापान, कोरिया और चीन भी इस सेक्टर के बड़े खिलाड़ी हैं। अमेरिका की इंटेल और कोरिया के सैमसंग का दबदबा सेमीकंडक्टर निर्माण उद्योग पर बरकरार है। दरअसल, जिस गति से दुनिया का डिजिटलीकरण हो रहा है, उसकी वर्तमान जरूरतों और भविष्य की डिमांड को देखा जाए तो ये सेक्टर सबसे ज्यादा समय तक प्रभावशाली रहने वाला है। सेमीकंडक्टर निर्माण का क्षेत्र ना सिर्फ आर्थिक उन्नति के द्वार खोलने वाला होगा, बल्कि इससे बड़े पैमाने पर रोजगार भी सृजित होंगे।

इंडस्ट्री के दिग्गजों ने भी सराहा
अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को सेमीकंडक्टर निर्माण उद्योग का हब बनाने की दिशा में जुट गये हैं। सेमी कंडक्टर उद्योग के लिए नीति बनाने वाला यूपी देश का चौथा राज्य है, बावजूद इसके विशेषज्ञों की नजर में ये भारत के किसी भी प्रदेश द्वारा अपनाई गई सेमीकंडक्टर पॉलिसी में से सबसे अधिक संभावनाओं वाला है। यूपी की सेमीकंडक्टर नीति 2024 को इंडस्ट्री के दिग्गजों की देखरेख में तैयार किया गया है। इसमें हीरानंदानी ग्रुप, टॉर्क सेमीकंडक्टर, वेदांता, एएमडी, इंटेल, कायन्स टेक्नोलॉजी, जिंदल ग्रुप, एएम टेक्निकल सॉल्यूशन्स और नोमिस पॉवर जैसे उद्योगों के वरिष्ठ अधिकारी और इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन(आईसीईए) एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ईएलसीआईएनए) जैसे संगठनों ने भी यूपी सेमीकंडक्टर नीति 2024 को सराहा है।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सेमीकंडक्टर निर्माण उद्योगों के लिए नीति बनाने के बाद तकरीबन 24 ऐसे सेक्टर हैं जो 2025 तक देश में 1.5 ट्रिलियन का बाजार खड़ा कर सकते हैं। इन सेक्टर्स में प्रमुख रूप से ऑटो सेक्टर, ऑटो कंपोनेंट्स, एविएशन, बॉयोटेक, आईटी एवं बिजनेस प्रॉसेस मैनेजमेंट सेक्टर, फार्मा, केमिकल, कंस्ट्रक्शन, डिफेंस, लेदर, रिन्युवेबल, रोड, इलेक्ट्रॉनिक्स, फूड प्रॉसेसिंग, पोर्ट्स, टेक्सटाइल्स, थर्मल पॉवर, टूरिज्म, मीडिया, वेलनेस, माइनिंग, ऑयल और गैस, कैपिटल गुड्स और रेलवे सेक्टर शामिल हैं। 

योगी सरकार दे रही वित्तीय और गैर वित्तीय प्रोत्साहन  
वहीं दुनियाभर के सेमीकंडक्टर निवेशकों को आकर्षित करने के लिए तैयार की गई यूपी सेमीकंडक्टर नीति 2024 के अंतर्गत तीन प्रकार के वित्तीय प्रोत्साहन, जिसमें उत्कृष्टता केंद्र, पेटेंट पंजीकरण शुल्क, औद्योगिक आवास के साथ ही आठ प्रकार के गैर वित्तीय प्रोत्साहन (मिशन क्रिटिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर, जलापूर्ति, ओपन एक्सेस, पॉवर बैंकिंग, निर्बाध बिजली आपूर्ति, नॉन डिस्टर्बेंस प्राविधान, तीन पालियों में परिचालन और स्वप्रमाणन की सुविधा भी दी जाएगी। 

क्या है सेमीकंडक्टर ?
सेमीकंडक्टर को हिन्दी में अर्ध चालक कहते हैं। इसका मतलब होता है किसी अधातु तत्व या पदार्थ से जब करेंट का प्रवाह हो और वह ताप के प्रवाह को रोकती हो। सेमीकंडक्टर का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के डायोड, ट्रांजिस्टर और इंटीग्रेटेड सर्किट में होता है। मोबाइल, टीवी, फ्रिज, एसी, मदरबोर्ड, कंप्यूटर के चिप सेमीकंडक्टर होते हैं। सेमीकंडक्टर से मुख्य फायदा होता है की यह विद्युत को ऊष्मा के रूप में व्यर्थ होने नही देती, क्योंकि विद्युत जिस धातु में से गुजरती है उसे गर्म कर देती है। सेमीकंडक्टर निर्माण में सिलिकॉन, जर्मेनियम, गैलियम, आर्सेनाइड या इंडियम एंटीमोनाइड महत्वपूर्ण यौगिक शामिल होते हैं। सेमीकंडक्टर उद्योग बहुत बड़ा है और तेजी से विकास कर रहा है।

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