प्रदेश में बो-स्ट्रिंग गार्डर ब्रिज के निर्माण पर फोकस, अब सीतापुर में दूर होगी कनेक्टिविटी की समस्या
- अयोध्या तथा प्रयागराज के बाद अब सीतापुर में शारदा कैनाल के ऊपर होगा नए ब्रिज का निर्माण
लखनऊ, 07 सितंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार प्रदेश में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के लिए विशेष तौर पर फोकस कर रही है। प्रदेश में वर्ष 2017 में कमान संभालने के बाद सीएम योगी द्वारा प्रदेश में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए खासतौर पर प्राथमिकता दी गई है। इसी का परिणाम है कि आज हाइवे, एक्सप्रेसवे के साथ ही प्रदेश के सभी जिलों, कस्बों, गांवों व ब्लॉक की कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है। इस कार्य को पूरा करने के लिए सीएम योगी के विजन में एक कार्ययोजना तैयार की गई थी। इसी कार्ययोजना के अंतर्गत अब सीतापुर में बो-स्ट्रिंग गार्डर ब्रिज के निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है।
रोड ओवरब्रिज होगा शारदा नहर पर बनने वाला पुल
उल्लेखनीय है कि अपनी विशिष्ट शैली, उत्तम गुणवत्ता तथा कम अवधि में निर्माण प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के कारण बो-स्ट्रिंग गार्डर ब्रिज के निर्माण को तरजीह दी जाती रही है। अयोध्या तथा प्रयागराज में भी हाल ही में इसी तकनीक पर आधारित रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) का निर्माण किया गया। वहीं, सीतापुर में जिस बो-स्ट्रिंग गार्डर ब्रिज का निर्माण होना है वह रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) होगा जिसका निर्माण शारदा नहर के ऊपर तम्बौर से महमूदाबाद मार्ग पर होगा।
22.86 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण होगा पूरा
उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड ने परियोजना पर कार्य शुरू करते हुए एजेंसी निर्धारण व कार्यावंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि परियोजना को 22.86 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा। परियोजना के अंतर्गत शारदा नहर पर तम्बौर से महमूदाबाद मार्ग पर ब्रिज का निर्माण होगा तथा इस निर्माण व विकास कार्य के अंतर्गत सब स्ट्रक्चर, सुपर स्ट्रक्चर व कनेक्टिंग रोड का निर्माण भी किया जाएगा।
आठ महीने में कार्य होगा पूरा
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इस पूरी परियोजना को वर्षा अवधि के अतिरिक्त 8 महीने में पूरा कर लिया जाएगा। प्रदेश में वर्ष 2017 में योगी सरकार के गठन के बाद प्रदेश में लोक निर्माण विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इनमें से राष्ट्रीय मार्गों का विकास, केंद्रीय मार्ग निधि योजना से मार्गों का विकास, विश्व बैंक-नाबार्ड तथा एशियन बैंक से प्राप्त ऋण से मार्गों का विकास, दीर्ध-लघु सेतुओं व आरओबी निर्माण समेत ब्लॉक-नगर पंचायत व ग्रामीण सड़कों का विकास प्रमुख है। इस क्रम में, योगी सरकार के अब तक के कार्यकाल में पिछले 7 वर्षों में प्रदेश में 28,538 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का विकास व नवनिर्माण हुआ है। प्रदेश में कुल 4,115 किमी के 46 नए राष्ट्रीय मार्ग तथा 5,604 किमी के 70 नए राज्य मार्गों के निर्माण की प्रक्रिया भी आगे बढ़ाई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि योगी सरकार के अब तक के कार्यकाल में प्रतिदिन 9 किमी मार्गों के चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण तथा दो दिन में एक सेतु के निर्माण के औसत से कार्य हो रहा है। 2,503 किमी राज्य मार्गों, 5,934 किमी प्रमुख जिला मार्गों तथा 13,849 किमी अन्य जिला मार्गों का भी पिछले 7 वर्षों में योगी सरकार द्वारा विकास किया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला
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