योगी सरकार के प्रयास से 7,857 गोवंश को आश्रय स्थलों पर किया गया संरक्षित

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योगी सरकार के प्रयास से 7,857 गोवंश को आश्रय स्थलों पर किया गया संरक्षित


-नगर विकास

विभाग ने विशेष अभियान का संचालन कर प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में निराश्रित

गोवंश को किया सुरक्षित

लखनऊ, 16 अक्टूबर (हि.स.)। योगी सरकार प्रदेश

में निराश्रित गोवंश के संरक्षण में सकारात्मक भूमिका निभा रही है।प्रदेश भर के नगरीय क्षेत्रों में नगर

विकास विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाकर 7,857 गोवंश को सुरक्षित करते हुए आश्रय

स्थलों पर संरक्षित करने में सफलता मिली है। नगर विकास विभाग के अनुसार, 8 से 10 अक्टूबर के बीच प्रदेश के विभिन्न नगरीय

क्षेत्रों में तीन दिनी अभियान का संचालन किया गया।

इसके जरिए, पहले दिन 2132, दूसरे दिन 2718 तथा तीसरे दिन 3007 गोवंशों को सुरक्षित कर कान्हा गौशाला

व आश्रय स्थलों में संरक्षित किया गया। इस विशेष अभियान के जरिए एक ओर बेसहारा

पशुओं के कल्याण के साथ ही शहरी स्वच्छता को बढ़ावा देने का मार्ग प्रशस्त हुआ, वहीं दूसरी ओर यातायात में अवरोध व

दुर्घटना का कारण बनने वाले पशुओं को बचाकर सड़क सुरक्षा को बढ़ाने में भी अभियान

ने सकारात्मक भूमिका का निर्वहन किया।

नगरीय

निकायों में 1.4 लाख गोवंश

को मिला संरक्षण

नगर विकास

विभाग द्वारा विशेष अभियान का संचालन तीन स्तरों पर किया गया। नगर निगम द्वारा

अभियान के अंतर्गत पहले दिन 431, दूसरे दिन 615 तथा तीसरे

दिन 625 गोवंश को

संरक्षित कर आश्रय स्थलों में भेजा गया। यानी, तीन दिन में 1671 गोवंशों को संरक्षित किया गया। वहीं, नगर पालिका परिषद द्वारा पहले दिन 760, दूसरे दिन 781 व तीसरे दिन 907 गोवंशों को संरक्षित करते हुए तीन

दिनों में कुल 2448 गोवंशों

को सुरक्षित किया।

इसी

प्रकार, नगर

पंचायतों में पहले दिन 941, दूसरे दिन

1322 व तीसरे

दिन 1475 गोवंशों

को संरक्षित करते हुए कुल 3738 गोवंश को

सुरिक्षत किया। प्रदेश के अब तक सभी नगरीय निकायों में कान्हा गौशाला व पशु आश्रय

स्थलों में कुल 1,40,320 गोवंश को

संरक्षित करने में सफलता मिली है।

आगे भी

जारी रहेगी प्रक्रिया

विशेष

अभियान की सफलता पर संतोष व्यक्त करते हुए नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत

अभिजात ने कहा कि यह पहल न केवल शहरी क्षेत्रों को स्वच्छ व सुरक्षित बना रही है, बल्कि गोवंश के संरक्षण में भी

महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और यह आगे भी जारी रहेगी।

नगर निगम, नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों के

सामंजस्यपूर्ण प्रयासों ने इस सफलता को संभव बनाया है। उनके अनुसार, अप्रैल 2024 से सितंबर 2024 तक कैटल कैचिंग अभियान से 11,13,057 रुपए की आय भी विभाग की हुई है। नगरीय

निकाय के स्थानीय निदेशक अनुज कुमार झा ने सभी निकायों को अपनी सीमा में निराश्रित

पशुओं को संरक्षित करने के लिए उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला

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