अल्पसंख्यकों और अनुसूचित जातियों के कौशल विकास पर योगी सरकार का फोकस
लखनऊ, 27 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अल्पसंख्यकों और अनुसूचित जातियों के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने प्रदेश के अल्पसंख्यक व अनुसूचित जातीय बाहुल्य विकास खंडों पर फोकस किया है।
इन क्षेत्रों में स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के इंफ्रास्ट्रक्चर्स को अपडेट कर उन्हें मॉडर्न फैसिलिटीज से लैस करने की कार्ययोजना को मूर्त रूप देना शुरू कर दिया गया है। इस क्रम में मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप, प्रदेश सरकार ने नानपारा (बहराइच), सिकंद्राबाद (बुलंदशहर), छानबे (मिर्जापुर) व जेवर (गौतमबुद्ध नगर) में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में नई कक्षाएं, थ्योरी कक्षों व मीटिंग हाल समेत कई महत्वपूर्ण निर्माण व मरम्मत कार्यों को पूर्ण करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
कुल 6.02 करोड़ रुपए पहली किस्त के तौर पर हुए स्वीकृत
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि छानबे (मिर्जापुर) व जेवर (गौतमबुद्ध नगर) के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जातीय उपयोजना (एससीएसपी) के अंतर्गत कुल 2.65 करोड़ रुपए की धनावंटन की प्रथम किस्त को स्वीकृति दी गई है। वहीं, नानपारा (बहराइच), सिकंद्राबाद (बुलंदशहर) के अल्पसंख्यक बाहुल्य विकास खंडों व अन्य क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में कुल 3.37 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटन को प्रथम किस्त के तौर पर स्वीकृति मिली है। इस प्रकार, कुल 6.02 करोड़ रुपए की धनराशि योगी सरकार द्वारा चारों क्षेत्रों के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में निर्माण व सुधार कार्यों के लिए प्रथम किस्त के तौर पर जारी कर दी गई है।
कार्यदायी संस्थाओं द्वारा उपलब्ध कराया गया फंड
प्रवक्ता ने बताया कि चारों ही क्षेत्रों में राजकीय औद्योगिक प्रषिक्षण संस्थानों में निर्माण कार्यों को गति देने के लिए उत्तर प्रदेष राज्य निर्माण सहकारी संघ (यूपीआरएनएसएस) व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा फंड्स उपलब्ध कराए गए हैं। इन कार्यों को मुख्यतः दो चरणों में पूर्ण किया जाना है। इसके लिए कुल मिलाकर 11.9 करोड़ रुपए की लागत राशि निर्धारित की गई है। इसी क्रम में पहली किस्त के तौर पर 6.02 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत कर दी गई है।
स्मार्ट क्लासेस समेत कई सुविधाओं का मिलेगा लाभ
उन्होंने बताया कि इन संस्थानों के जरिए प्रशिक्षुओं तक उन्नत सुविधाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कई प्रकार के निर्माण व शैक्षणिक कार्यों को बढ़ावा दिया जाएगा। मुख्य तौर पर पहली किस्त के तौर पर प्राप्त धनराशि के जरिए कैंपसों में विभिन्न कक्षों का निर्माण, स्मार्ट क्लासेस की स्थापना, कार्यशाला व सैद्धांतिक कक्ष का निर्माण, आईटी लैब, मीटिंग हॉल, चाहरदीवारी, मुख्य गेट, गार्ड रूम, इंटरलॉकिंग रोड, सी.सी रोड व प्रशासनिक भवन में मरम्मत समेत कई प्रकार के निर्माण कार्यों को पूर्ण किया जाएगा। इसके अलावा, बची हुई धनराशि का इस्तेमाल कार्यशालाओं के आयोजन समेत अन्य शैक्षणिक गतिविधियों में होगा। सभी निर्माण कार्यों को वित्तीय वर्ष 2023-24 के मध्य पूर्ण कर लिया जाएगा। उत्तर प्रदेश प्रशिक्षण व सेवायोजन विभाग के निदेशक के मार्गदर्शन में सभी कार्यों को उत्तर प्रदेश शासन की रूलबुक के अनुसार पूर्ण किया जाएगा। इन निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का निरीक्षण भी उत्तर प्रदेश प्रशिक्षण व सेवायोजन विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार/पीएन द्विवेदी/मोहित
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