योगी सरकार ने बजट में आगरा मेट्रो को दिए 346 करोड़ रुपए
- अब तीव्र गति से होगा आगरा मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के पहले कॉरिडोर का कार्य
- प्रायोरिटी कॉरिडोर के अंडरग्राउंड सेक्शन में निर्माण कार्य हुआ पूरा
- रिकॉर्ड समय में अप लाइन के बाद, डाउन लाइन ट्रैक का हुआ निर्माण
05 फरवरी, आगरा। सीएम योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शुमार आगरा मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए योगी सरकार ने 346 करोड़ रुपए का बजट में प्रावधान किया है। जिससे आगरा मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के पहले कॉरिडोर का कार्य तेज गति से पूरा होगा। वहीं दूसरे कॉरिडोर के कार्य की शुरुआत भी जल्द हो जाएगी। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने आगरा मेट्रो प्रायोरिटी कॉरिडोर के अप लाइन के बाद डाउन लाइन में ट्रैक का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है।
ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है, जिसमें 27 स्टेशन होंगे। ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा। जिसमें 6 एलिवेटेड और 7 भूमिगत स्टेशन होंगे। इस कॉरिडोर के लिए पीएसी परिसर में डिपो का निर्माण किया गया है। 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर के प्रायोरिटी कॉरिडोर में ताज ईस्ट गेट से जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन तक (6 किमी लंबे) अप लाइन के ट्रैक के बाद डाउन लाइन में ट्रैक का निर्माण पूरा कर लिया है। अभी मेट्रो द्वारा अप लाइन में ताज ईस्ट गेट से जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन के बीच लगातार ट्रायल किया जा रहा है, जबकि डाउन लाइन में जामा मस्जिद से आगरा फोर्ट के बीच ट्रायल किया जा रहा है। आगरा मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर में 6 स्टेशन है। इसमें तीन अंडरग्राउंड स्टेशन और तीन एलिवेटेड है। एलिवेटेड क्षेत्र का कार्य पहले ही पूरा किया चुका है। जिस पर मेट्रो का ट्रायल पहले से ही फुल स्पीड में जारी है। वहीं, अंडरग्राउंड क्षेत्र में भी निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं। अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशनों का फिनिशिंग कार्य भी अंतिम चरण है। जल्द ही पूरे प्रायोरिटी कॉरिडोर में आगरा मेट्रो ट्रेन का ट्रायल किया जाएगा।
बता दें कि पिछले साल फरवरी 2023 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा टीबीएम लॉन्च के उद्घाटन के 11 महीने से कम समय में यूपी मेट्रो ने टनल निर्माण का पूरा किया है। भूमिगत मेट्रो स्टेशन और टनल निर्माण के काम में औसतन एलिवेटेड स्टेशनों की तुलना में तीन गुना समय लगता है। हालांकि, आगरा मेट्रो टीम ने इस कार्य को महज 11 महीने के रिकॉर्ड समय में ही पूरा कर लिया, जिसमें टीबीएम के माध्यम से टनल निर्माण, ट्रैक और थर्ड रेल बिछाने के काम व सुचारू और सुरक्षित ट्रेन आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सिग्नलिंग के काम शामिल थे।
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