एआई से अवैध खनन के परिवहन पर अंकुश लगा रही योगी सरकार
- अवैध खनन और इसके परिवहन पर प्रभावी कार्रवाई के लिए हर जिले में गठित हैं आठ टीमें, एम चेक ऐप से भी हो रही स्क्रीनिंग
- एआई और एम चेक ऐप के जरिए अबतक 316 करोड़ रुपए से अधिक शमन शुल्क की हुई वसूली
लखनऊ, 11 जुलाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शासन व्यवस्था को नयी तकनीक से जोड़कर किये जा रहे प्रयासों का सकारात्मक परिणाम दिखने लगा है। प्रदेश में अवैध खनन और इसके परिवहन के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान में भी नई तकनीक का बड़े स्तर पर उपयोग किया जा रहा है। इसके नतीजे भी असरकारी दिखाई दे रहे हैं। योगी सरकार के भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा मानव रहित एआई और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) आधारित चेक गेट की स्थापना से अवैध खनन और इसके परिवहन पर प्रभावी अंकुश लगाने में मदद मिल रही है। बीते लगभग सवा दो साल में अबतक 24 हजार से अधिक मामलों में एआई, आईओटी और एम चेक ऐप के माध्यम से इन्फोर्समेंट की कार्रवाई को अंजाम दिया जा चुका है। वहीं इस दौरान 316 करोड़ से अधिक का शमन शुल्क भी वसूला गया है। अवैध खनन और इसके परिवहन पर प्रभावी कार्रवाई के लिए हर जिले में आठ टीमें गठित की गई हैं।
25 जिलों में 55 एआई आधारित चेकगेट
वर्तमान में आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (एआई) जहां उद्योग, व्यापार, शिक्षा और मनोरंजन सहित विभिन्न क्षेत्रों में पर्याप्त दखल रखने लगा है तो इसका उपयोग अब अवैध खनन और इसके परिवहन के खिलाफ अभियान में भी हो रहा है। भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 25 जिलों में प्रमुख मार्गों पर 55 मानव रहित एआई एवं आईओटी आधारित चेक गेट स्थापित किये गये हैं। इन चेक गेट पर लगे हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर के माध्यम से यहां से होकर गुजरने वाले खनिज वाहनों के परिवहन प्रपत्रों की वैधानिकता की जांच रियल टाइम बेसिस पर हो जा रहा है। ये चेकगेट हॉटस्पॉट लोकेशन पर लगाए गये हैं। यही नहीं सभी चेक गेट विभाग के निदेशालय सहित कमांड सेंटरों के साथ ही जिला स्तर पर बनाए गये कमांड सेंटरों से जुड़े हुए हैं।
ऐप से रियल टाइम स्कैनिंग
इसके अलावा एम चेक ऐप से भी अवैध खनन और उसके परिवहन पर प्रभावी लगाम लगाने में कामयाबी मिली है। एम चेक ऐप एक एंड्रॉयड आधारित मोबाइल अप्लीकेशन है जो खनिज परिवहन प्रपत्रों की स्कैनिंग करने, वाहन से संबंधित आंकड़े प्राप्त करने, प्रोसेसिंग करने एवं वायरलेस ट्रांसमिशन की सुविधाओं से युक्त है। इसके अलावा प्रदेश के प्रत्येक जिलों के जनपदीय अधिकारियों को आरएफआईडी हैंड हेल्ड रीडर उपलब्ध कराए गये हैं।
अबतक 316 करोड़ रुपए से अधिक शमन शुल्क की वसूली
विभागीय अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2022-23 में एआई के जरिए 9092 मामलों में इन्फोर्समेंट की कार्रवाई हुई, जिसमें 38.48 करोड़ रुपए वसूले गये। इसी प्रकार 2023-24 में 13374 मामलों में कार्रवाई हुई जिससे 53.07 करोड़ रुपए का शमन शुल्क वसूला गया। वहीं इस वित्तीय वर्ष में जून माह तक 1865 मामलों में इन्फोर्समेंट की कार्रवाई की गई है, जिससे 6.51 करोड़ रुपए शमन शुल्क वसूला गया है। दूसरी तरफ एम चेक ऐप के जरिए भी 2022-23 में 19190 प्रकरणों में प्रवर्तन की कार्रवाई की गई और 80.07 करोड़ रुपए शमन शुल्क वसूले गये। 2023-24 में प्रवर्तन की 26606 कार्रवाइयां हुईं, जिससे 108.60 करोड़ रुपए वसूले गये। वहीं इस वित्तीय वर्ष में जून माह तक 7546 मामलों में इन्फोर्समेंट की कार्रवाई हुई, जिससे 30.13 करोड़ रुपए वसूले गये हैं। विभाग द्वारा अबतक कुल 316.86 करोड़ रुपए के शमन शुल्क की वसूली की जा चुकी है।
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