मानव जीवन को रूपांतरित कर उसे स्व की अनुभूति कराता है योग

मानव जीवन को रूपांतरित कर उसे स्व की अनुभूति कराता है योग
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मानव जीवन को रूपांतरित कर उसे स्व की अनुभूति कराता है योग


मीरजापुर, 10 अप्रैल (हि.स.)। पतंजलि युवा भारत एवं विंध्य योग सेवाधाम के संयुक्त तत्वाधान में पांच दिवसीय योग शिविर के तीसरे दिन बुधवार को नगर के गणेशगंज स्थित केबीपीजी कॉलेज के बीएड विभाग में योग विशेष कार्यशाला आयोजित की गई। विशेष योग श्रृंखला की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए योग गुरू ने कहा कि मानव जीवन को पूर्ण रूप से रूपांतरित कर उसे स्व की अनुभूति कराता है योग।

पतंजलि युवा भारत के राज्य महामंत्री व राष्ट्रीय योगासन जज योग गुरु योगी ज्वाला सिंह ने अभ्यर्थियों को पेट के बल लेटकर करने वाले आसनों का अभ्यास कराया। मकरासन, सलाभसन, भुजंगासन, तिर्यकभुजंगासन, विपरीतनौकासन आदि आसनों का अभ्यास कराते हुए उनसे होने वाले लाभ के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। कहा कि जो व्यक्ति कमर दर्द की किसी भी तरीके की समस्या से परेशान है या वह कमर के एलफोर एलफाईव की समस्याओं से परेशान है तो उसे ऐसी स्थिति में इन आसनों का अभ्यासकर समस्या का समाधान करना चाहिए।

उन्होंने योग की महिमा बताते हुए कहा कि योग कोई आसान व्यायाम या प्राणायाम तक सीमित नहीं, योग कि श्रृंखला बहुत बड़ी है। ज्ञानयोग, भक्तियोग, कर्मयोग, राजयोग, नादयोग, हठयोग, लययोग, कुंडलिनीयोग, ध्यानयोग जैसे विभिन्न विशेष योग श्रृंखला की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मानव जीवन को पूर्ण रूप से रूपांतरित कर उसे स्व की अनुभूति कराता है योग।

विभागाअध्यक्ष डॉ. विभूति मिश्रा ने कहा कि योग कोई नई परंपरा नहीं है। यह तो यह मानव जीवन के साथ प्रारंभ हुआ, जिससे जुड़कर के ही मानव अपने मनुष्य होने की अनुभूति कर पाता है। इस दौरान प्रो. करनैल सिंह, प्रवीण मौर्या, निकिता, शिखा शर्मा, मयंक कुमार मिश्र, वैभव कुमार, ओमप्रकाश, संतोष कुमार आदि रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/राजेश

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