गुरु पूर्णिमा पर गौरी-केदारेश्वर की आराधना, देश में खुशहाली की कामना
वाराणसी,21 जुलाई (हि.स.)। गुरु पूर्णिमा पर्व पर रविवार को केदार घाट स्थित गौरी केदारेश्वर मंदिर में नमामि गंगे के सदस्यों ने स्वच्छता अभियान चलाया। मंदिर परिसर की साफ-सफाई के बाद सदस्यों ने विधि-विधान से गौरी सहित बिराजे केदारेश्वर की आरती उतारकर चरण वंदना की। गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्र्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः गुरु साक्षात परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः की गूंज के बीच समाज देश में खुशहाली की कामना की। सदस्यों ने सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति सकल ब्रह्मांड के उपासक देवाधिदेव महादेव को गंगा जल अर्पित कर गंगा निर्मलीकरण की कामना भी की।
नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने बताया कि गुरु स्वयं ही ब्रह्मा, श्री विष्णु तथा महेश्वर हैं। वह ही परम ब्रह्म हैं। संपूर्ण सृष्टि शिवमय है। गुरु-शिष्य परंपरा’ भारत की सबसे बड़ी विशेषता है। भगवान शिव गुरु के रूप में हमें शिक्षा देते हैं कि मानव ईष्याभाव का त्यागकर सद्भाव को अपनाए। उन्होंने कहा कि हमारी गुरु मां गंगा हैं हमें इन्हें सदैव स्वच्छ रखना चाहिए।
इसी क्रम में संत रविदास पार्क नगवां स्थित श्री दुर्गा मातृ छाया शक्तिपीठ में आयोजित गुरू पूर्णिमा महोत्सव में प्रातः काल 7:00 बजे देवी उपासिका साध्वी गीताम्बा तीर्थ ने अपने गुरु का चरण पादुका पूजन किया। इसके श्रद्धालुओं ने साध्वी गीताम्बा तीर्थ का चरण स्पर्श कर आर्शीवाद लिया। दूर-दूर से आए भक्तों ने विधि-विधान से देवी उपसिका का पूजा अर्चना किया। इसी के साथ पीठ में चल रहे रहे अखंड रामायण पाठ का समापन हुआ। इसके इसके बाद दंडी सन्यासियों एवं गृहस्थों का भंडारा हुआ।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी / मोहित वर्मा
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