टेक्नोलॉजी का उपयोग कर आगे बढ़ रहा है मुक्त विश्वविद्यालय : कुलपति
- केंद्र समन्वयकों के सहयोग से पहुंचेगी छात्र संख्या एक लाख
प्रयागराज, 19 जुलाई (हि.स.)। अध्ययन केन्द्र समन्वयक विश्वविद्यालय की रीढ़ है। केंद्र समन्वयकों के सहयोग से हम विश्वविद्यालय की छात्र संख्या को शीघ्र एक लाख तक पहुंचा सकते हैं। दूरस्थ शिक्षा विविधता से परिपूर्ण है। यहां किन्नर, जेल बन्दी, ग्रामीण, नौकरी पेशा लोगों के लिए कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं। विश्वविद्यालय कौशल विकास पर आधारित कई शैक्षिक कार्यक्रमों की शिक्षा युवाओं का प्रदान कर रहा है। साथ ही मुक्त विवि टेक्नोलॉजी का उपयोग कर निरंतर आगे बढ़ रहा है।
उक्त विचार उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने शुक्रवार को वाराणसी क्षेत्रीय केन्द्र से सम्बद्ध अध्ययन केन्द्रों के प्राचार्य एवं समन्वयकों की आयोजित कार्यशाला में व्यक्त किया। संत अतुलानंद कान्वेंट स्कूल में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें ज्ञानात्मक अध्ययन के साथ ही कौशल का भी अध्ययन कर सकते हैं। मुक्त विवि कौशल युक्त गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए संकल्पबद्ध है। हमारे विद्यार्थियों के पास कौशल युक्त शिक्षा होगी तो वह नौकरी के लिए दर-दर नहीं भटकेंगे। उन्होंने लोकल फार वोकल पर जोर देते हुए कहा कि मुक्त विवि कौशल युक्त शिक्षा प्रदान कर विद्यार्थियों को सशक्त कर रहे हैं।
नामांकन अभिप्रेरण एवं प्रतिपुष्टि विषयक कार्यशाला में विश्वविद्यालय के प्रवेश प्रभारी प्रोफेसर जय प्रकाश यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय एन ई पी 2020 के अंतर्गत सभी शैक्षिक कार्यक्रम संचालित कर रहा है। इस बार समर्थ पोर्टल के माध्यम से प्रथम वर्ष का प्रवेश सुनिश्चित किया गया है। परीक्षा नियंत्रक डी पी सिंह ने कहा कि अध्ययन केन्द्रों पर भेजे जाने वाले अंकपत्र छात्रों को यथासमय वितरण किया जाए। परीक्षा केन्द्रों पर विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत्त सुविधाओं का लाभ शिक्षार्थियों को अवश्य मिलना चाहिए।
वाराणसी क्षेत्रीय केन्द्र के समन्वयक डॉ सन्तोष कुमार सिंह ने क्षेत्रीय केंद्र की गतिविधियों के साथ ही कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की। संत अतुलानंद कान्वेंट स्कूल के प्रबंधक राहुल सिंह ने कुलपति एवं विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ प्रभात चन्द्र मिश्र ने बताया कि कार्यशाला में वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आने वाले जिलों वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, भदोही, चंदौली एवं सोनभद्र स्थित अध्ययन केन्द्रों के समन्वयकों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर डॉ शिवकुमार, डॉ के एस पाठक, डॉ अनूप कुमार सिंह, डॉ अलका सिंह, रामकेश आदि ने प्रवेश में लचीलेपन एवं परीक्षा परिणाम के पश्चात अंकपत्र वितरण के सम्बंध में कई सुझाव दिए। कार्यशाला का संचालन डॉ गरिमा सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ एस के सिंह ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र / मोहित वर्मा
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