महिलाओं को पीएम आवास मिलना महिला सशक्तिकरण का सबसे बड़ा उदाहरण : प्रो. सीमा सिंह
--पात्र लोगों को सुलभ कराये जा रहे प्रधानमंत्री आवास : गुरूप्रसाद मौर्य
--भारत आज विकास की लॉन्चिंग पैड पर : प्रो. रिपू सूदन सिंह
--प्रधानमंत्री आवास मिशन पर मुक्त विवि में हुई कार्यशाला
प्रयागराज, 13 मार्च (हि.स.)। प्रधानमंत्री आवास योजना में महिलाओं को आवास मिलना महिला सशक्तिकरण का सबसे बड़ा उदाहरण है। इस योजना से इन महिलाओं के अंदर आत्मविश्वास में वृद्धि हो रही है तथा उनका परिवार भी आत्मनिर्भर हो रहा है। जीवन जीने के लिए आवास की जो आवश्यकता है उसको सरकार पूर्ण कर रही है। उक्त विचार मुक्त विवि की कुलपति प्रो. सीमा सिंह ने व्यक्त किया।
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान विद्या शाखा के तत्वावधान में बुधवार को भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित लघु शोध परियोजना के अन्तर्गत ‘‘पीएम हाउसिंग फॉर ऑल मिशन : ए स्टडी ऑफ परफॉर्मेंस एंड इंपैक्ट ऑन बेनिफिसियरीज इन सैलेक्टेड सिटीज इन उप्र’’ पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
उप्र राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सीमा सिंह ने शोधार्थियों का आह्वान किया कि वह ऐसा शोध करें जो समाज की मदद करने वाला हो। सामाजिक सरोकार यदि शोध में नहीं होगा तो उसका कोई मतलब नहीं है। केवल पुस्तकालय में जाकर शोध को सुशोभित किया जाए तो इसका कोई फायदा नहीं है। मुक्त विवि सामाजिक सरोकारों को लेकर आगे बढ़ रहा है। इसके लिए उन्होंने यहां के शिक्षकों एवं शोधार्थियों की सराहना की।
फाफामऊ विधायक गुरु प्रसाद मौर्य ने प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन तथा उपलब्धता से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि पात्र लोगों को उनके रहने के लिए आवास सुलभ हो। इसीलिए इसके वितरण में भी पारदर्शिता बरती जा रही है। उन्होंने कहा सरकार की अन्य अनेक योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए उनकी सरकार कृत संकल्पित है। उन्होंने कुलपति की सराहना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय गोद लिए गांवों में महिला साक्षरता की दिशा में अनूठा प्रयास कर रहा है।
प्रोफेसर रिपु सूदन सिंह, राजनीति विज्ञान विभाग, बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ ने कहा कि आवास का मुद्दा बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह लोगों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन लाता है। 2047 तक विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा जब सभी को रहने के लिए आवास सुलभ होंगे। सरकार का ध्यान उन वर्गों पर है जो खुले में जीवन यापन कर रहे हैं। सरकार बहुत ईमानदारी से इसकी समीक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत आज विकास की लॉन्चिंग पैड पर बैठा है। उन्होंने विकास के गुजरात मॉडल तथा इसके पूर्व की सरकारों द्वारा बनाए गए मॉडल के बारे में तुलनात्मक बातें बताई। 1991 के पहले की लाइसेंस प्रणाली के बारे में अमर्त्य सेन के आर्थिक मॉडल और तथा मानव संसाधन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
समाज विज्ञान विद्याशाखा के निदेशक प्रो. एस कुमार ने विशिष्टजनों का वाचिक स्वागत तथा परियोजना निदेशक डॉ आनंदानंद त्रिपाठी ने परियोजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी। संचालन डॉ देवेश रंजन त्रिपाठी तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने किया। तकनीकी सत्र के मुख्य वक्ता प्रोफेसर सूर्यभान सिंह, इविवि राजनीति विज्ञान विभाग तथा समापन सत्र के मुख्य वक्ता प्रो.मधुरेद्र कुमार निदेशक दीनदयाल शोध पीठ इविवि रहे। अध्यक्षता प्रो. एस कुमार निदेशक समाज विज्ञान विद्या शाखा ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/मोहित
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।