उप्र में हाईटेक होगी ग्रामीण जलापूर्ति की मॉनीटरिंग, कहीं से भी नजर रखेंगे अफसर

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उप्र में हाईटेक होगी ग्रामीण जलापूर्ति की मॉनीटरिंग, कहीं से भी नजर रखेंगे अफसर


उप्र में हाईटेक होगी ग्रामीण जलापूर्ति की मॉनीटरिंग, कहीं से भी नजर रखेंगे अफसर


उप्र में हाईटेक होगी ग्रामीण जलापूर्ति की मॉनीटरिंग, कहीं से भी नजर रखेंगे अफसर


-नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की कार्यशाला में खींचा गया खाका

-आईआईटी विशेषज्ञ और देश भर से आईं कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने किया प्रतिभाग

- दिसम्बर 2024 तक उप्र के हर घर में नल से जल : प्रमुख सचिव

लखनऊ, 09 नवंबर (हि.स.)। किस गांव में कितना पानी सप्लाई हुआ, क्लोरीनेशन की स्थिति क्या है, पम्प हाउस कितनी देर चल रहे हैं, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन की स्थिति क्या है। इसके साथ और भी जलापूर्ति से संबंधित सूचनाओं की मॉनीटरिंग अब हाईटेक तरीके से उत्तर प्रदेश के किसी भी गांव में बैठकर की जा सकेगी। नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति की मॉनीटरिंग का ऐसा ही हाईटेक सिस्टम तैयार करने जा रहा है जिसका खाका गुरुवार को जल निगम (ग्रामीण) सभागार में प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई कार्यशाला में खींचा गया। कार्यशाला में पहुंचे आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ और देश भर की चार दर्जन बड़ी कम्पनियों के आईटी विशेषज्ञों ने अपने प्रेजेंटेशन दिये।

जल जीवन मिशन के तहत जल आपूर्ति के संचालन और रखरखाव’ पर आधारित एकदिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने दीप प्रज्जवलित कर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रमुख सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अपने उद्देश्य को पूरा करते हुए प्रत्येक ग्रामीण परिवार तक नल कनेक्शन पहुंचाने के लक्ष्य को तेजी से पूरा कर रही है। उन्होंने कहा कि जहां उप्र में 2019 से पहले मात्र 1.96 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक ही नल कनेक्शन थे वहीं जल जीवन मिशन योजना की घोषणा के बाद आज प्रदेश में 69 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक नल कनेक्शन पहुंच चुके हैं।

प्रमुख सचिव ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में हम 80 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक नल कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य पूरा करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2024 तक उप्र के हर घर में नल से जल पहुंच जाएगा। प्रमुख सचिव ने कहा कि जल जीवन मिशन से पहले की योजनाओं के फेल होने का कारण रखरखाव की मजबूत व्यवस्था न होना था लेकिन हम इस पर तेजी से काम कर रहे हैं। बहुत जल्द संचालन व रखरखाव की व्यापक योजना जमीन पर दिखेगी। उन्होंने कहा कि आज जल जीवन मिशन उप्र में 900 मेगावाट बिजली की बचत कर रहा है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।

राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के निदेशक प्रदीप सिंह ने कहा हर घर जल सार्टिफाइड के बाद पंप हाउस के संचालन व रखरखाव पर चर्चा होना चाहिए। पंचायत, वॉल पेटिंग, सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी देना चाहिए। योजना का उद्देश्य निर्बाध सप्लाई देने के साथ स्वच्छ और गुणवत्ता युक्त पेयजल प्रदान करना है। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर अमित मित्रा ने कहा कि जब जल जीवन मिशन की शुरूआत हुई तो जो आंकड़े थे वो बहुत ही खराब थे। लेकिन आज 69 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक नल से जल की सुविधा मिल रही है।

अतिथियों ने सांकेतिक जल संचयन किया

प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव, जल निगम (ग्रामीण) के प्रबंध निदेशक डॉ. बलकार सिंह, राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के निदेशक प्रदीप सिंह, राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अधिशासी निदेशक बृजराज सिंह यादव और आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर अमित मित्रा ने इस अवसर पर सांकेतिक जल संचयन कर जल बचाने का संदेश दिया।

हिन्दुस्थान समाचार/ पीएन द्विवेदी

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