रानी रेवती देवी में एनिमल वेलफेयर सोसाइटी की चार दिवसीय कार्यशाला का समापन
प्रयागराज, 20 सितम्बर (हि.स.)। विद्या भारती से संबद्ध काशी प्रांत के रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इण्टर कॉलेज राजापुर में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के अंतर्गत संचालित एनिमल वेलफेयर सोसायटी गोरखपुर की तरफ से शिक्षकों के लिए चार दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें शिक्षकों को विज्ञान एवं टेक्नोलोजी की नई तकनीक के बारे में जानकारी दी गई। सोसायटी की तरफ से शिक्षकों को भौतिक विज्ञान के न्यूटन, जेम्सवाट जैसे वैज्ञानिकों के नियम पर फोकस करने के लिए प्रेरित किया गया।
विद्यालय के संगीताचार्य एवं मीडिया प्रभारी मनोज गुप्ता ने बताया कि विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं क्षेत्रीय विज्ञान प्रमुख बांके बिहारी पांडे की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला में आए हुए प्रशिक्षकों ने शिक्षकों को द्रव्यमान और भार में अंतर को बताया तथा जड़त्व के नियम समेत अन्य विषयों पर विस्तार से चर्चा की। विज्ञान के नियमों को प्रयोग के माध्यम से समझाया जिसमें एक नेत्र होते तो क्या होता जैसे प्रश्नों के उत्तर बताए। लाउडस्पीकर का प्रयोग किस जगह किस प्रकार किया जाना चाहिए जिससे ध्वनि प्रदूषण न हो, कागज व पाइप के छोटे-छोटे बाजे की आवाज तथा स्टेथोस्कोप को कम खर्चे में बनाना सिखाया।
प्रयोग के क्रम में एक हाथ को चेहरे के किनारे रखकर दूसरे हाथ से आंख बंद कर के देखने पर हाथ में छेद जैसा आकार दिखाई दिया। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार की कई तकनीकी विज्ञान से भरी जादू एवं प्रयोग दिखाकर, बच्चों को घरेलू चीजों से विज्ञान को सरल तरीके से कैसे सिखाया जाए। समस्त शिक्षकों ने इस प्रयोग में कार्यशाला को काफी रोचक तरीके से सफल बनाया।
इसके पूर्व विद्यालय के प्रधानाचार्य ने मुख्य अतिथि मलकियत सिंह बाजवा, विशिष्ठ अतिथि जगजीत कौर बाजवा तथा सोसाइटी से आए हुए लोगों को अंग वस्त्र एवं माल्यार्पण करके स्वागत किया। कार्यशाला को सफल बनाने में रमेश चंद्र मिश्र, जटा शंकर तिवारी, शिव नारायण सिंह, कामाख्या प्रसाद दूबे, सत्य प्रकाश पांडे सहित समस्त अध्यापकों का सहयोग रहा। प्रशिक्षण प्रदान करने वालों में दीपक शर्मा, डॉ रामभजन गुप्ता शामिल रहे। संचालन एनिमल वेलफेयर सोसाइटी के रामजन्म सिंह ने तथा पूरा कार्यक्रम अरविंद प्रभाकर त्रिपाठी की देख-रेख में हुआ।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/पदुम नारायण

