भारतीय चिंतन परम्परा में महिलाओं को हमेशा सर्वोच्च स्थान मिला: डॉ वृषाली जोशी

भारतीय चिंतन परम्परा में महिलाओं को हमेशा सर्वोच्च स्थान मिला: डॉ वृषाली जोशी
WhatsApp Channel Join Now
भारतीय चिंतन परम्परा में महिलाओं को हमेशा सर्वोच्च स्थान मिला: डॉ वृषाली जोशी


भारतीय चिंतन परम्परा में महिलाओं को हमेशा सर्वोच्च स्थान मिला: डॉ वृषाली जोशी


भारतीय चिंतन परम्परा में महिलाओं को हमेशा सर्वोच्च स्थान मिला: डॉ वृषाली जोशी


-महिला समन्वय काशी विभाग ने समाज में विशिष्ट योगदान देने वाली महिलाओं को किया सम्मानित

वाराणसी, 31 दिसम्बर (हि.स.)। विश्व मांगल्य सभा की अखिल भारतीय मंत्री डॉ वृषाली जोशी ने रविवार को कहा कि भारतीय नारी के अंदर अत्यंत ऊर्जा है, जो भारतीय समाज को संवारने में योगदान कर सकती है। नारी घर का निर्माण करती है इसलिए उसे घरणी कहते हैं। वह भरण पोषण पूरे परिवार का करती है इसलिए भरणी भी कहा जाता है। जैसे पृथ्वी सृष्टि का पालनकर्ता है वैसे ही महिला परिवार की पालनकर्ता होती है।

डॉ वृषाली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में रविवार को महिला समन्वय काशी विभाग की ओर से काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन सभागार में आयोजित मातृशक्ति संगम कार्यक्रम को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि भारतीय महिलाओं को पश्चिमी देशों के अन्धानुकरण से बचना चाहिए, भारतीय चिंतन परम्परा में महिलाओं को हमेशा सर्वोच्च स्थान मिला है। महि का अर्थ होता है पृथ्वी, जो पृथ्वी जैसा सहनशील, कल्याणकारी और सृजनकर्ता हो उसे महिला कहा जाता है। महिला का कोई शत्रु नहीं होता है इसलिए नारी कहा गया। जिसका ना कोई अरि हो।

डॉ जोशी ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय को स्मरण कर कहा कि जिस भूमि पर यह कार्यक्रम आयोजित है, यह महामना के तप त्याग और तपस्या से अभिमंत्रित भूमि है। काशी का कंकर कंकर शंकर है, और आप सभी पार्वती स्वरूपा हैं।

डॉ जोशी ने कहा अशोक वाटिका में सीता माता के हाथ के तिनका में इतनी ताकत थी कि वह रावण को भस्मीभूत कर सके, यह शक्ति भारतीय महिला के ही पास हो सकती है। उन्होंने कहा कि वेदों में मातृदेवो भव सबसे पहले आता है। भारतीय संविधान में प्रारम्भ से ही नारी को समानता का अधिकार प्राप्त है जो कि प्राचीन भारतीय चिंतन पर ही आधारित है। नारी स्वयं अपने अन्दर की शक्ति को पहचाने तो किसी भी अधिकारों के लिए उसे संघर्ष नहीं करना पडे़गा। यह दायित्व नारी पर ही है कि अपने पुत्रों-पुत्रियों में दैवीय संस्कारों का निर्माण करे। उन्होंने कहा कि आगामी 22 जनवरी को श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन हम प्रतिज्ञा करें कि हमारे देश के हर बच्चे में श्री राम की बुद्धि बल और समरसता मूलक समाज के निर्माण की क्षमता आ जाए। जिससे भारत विश्व गुरु के रूप में खड़ा हो सकेगा।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में उच्च शिक्षा आयोग हरियाणा की सदस्य और महिला समन्वय की अखिल भारतीय सह संयोजिका डॉ ममता यादव ने कहा कि आज महिलाओं को घर का दैनिक कार्य करने के अलावा समाज को जागरूक करने का दायित्व है जो एक बड़ी चुनौती है। हमारे यहां भारत में स्त्री घर की वह धुरी होती है जिससे परिवार नामक संस्था भारत में आज जीवित है।

डॉ ममता यादव ने कहा कि यदि गर्भ संस्कार अच्छा होगा तो राष्ट्र को अच्छी संतानें मिलेंगी। जिस प्रकार महारानी लक्ष्मीबाई ने गरज कर कहा था ‘‘मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी’’। उसी प्रकार भारतीय नारी का भी संकल्प होना चाहिए कि मैं अपने देश का आत्मसम्मान झुकने नहीं दूंगी।

इसके पहले मंचासीन डॉ अनीता चौधरी, डॉ दीपाली गुप्ता, डॉ मंजू द्विवेदी सहित अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन एवं भारत माता के चित्र तथा महामना की प्रतिमा पर पुष्पांजली समर्पित कर कार्यक्रम का आगाज किया। संगीत एवं मंच कला संकाय काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की प्रो. संगीता पंडित के शिष्यों ने विश्वविद्यालय के कुलगीत की प्रस्तुति की। विषय प्रस्तावना काशी प्रान्त संयोजिका डॉ आनन्द प्रभा सिंह, संचालन काशी विभाग की संयोजिका डॉ भारती मिश्रा और अतिथियों का स्वागत सह-संयोजिका प्रो. नीलम गुप्ता ने किया।

-कार्यक्रम में इनका हुआ सम्मान

कार्यक्रम में प्रतिभा सिंह, किशोर रोटी बैंक की निहारिका, डॉ कात्यायनी (दन्त चिकित्सक), कोमल गुप्ता, गुलाबी मीनाकारी के लिए शालिनी यादव, कविता सिंह, वीणा गुप्ता (गंगा स्वच्छता अभियान), वीना सिंह, उपशास्त्रीय गायिका सुचारिता गुप्ता, डॉ सरिता मिश्रा (आयुर्वेद चिकित्सक), शारदा सिंह (उद्यमी) एवं वर्षा सिंह को मातृशक्ति संगम ने समाज में विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया।

-इनकी रही खास उपस्थिति

कार्यक्रम में प्रो. चन्द्रकला पाड्या, डॉ प्रतिभा यादव, डॉ अनीता सिंह, आरएसएस काशी प्रान्त के सह प्रान्त कार्यवाह डॉ राकेश तिवारी, विभाग प्रचारक नितिन, वरिष्ठ भाजपा नेता मीना चौबे, प्रो. ज्ञानप्रकाश मिश्र, निर्मला सिंह पटेल, वाराणसी की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर एवं विभिन्न विद्यालयों की प्रधानाचार्य उपस्थित रही।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story