रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को अविस्मरणीय बनाने में जोरशोर से जुटी योगी सरकार
लखनऊ, 13 दिसंबर (हि.स.)। राम कण-कण में हैं। राम जन-जन में हैं। इस भावना को अंगीकृत करने वाली योगी सरकार वर्तमान के साथ भावी पीढ़ी को भी श्रीराम के आदर्शों एवं मूल्यों से अवगत करा रही है। पांच सौ वर्षों के बाद अयोध्या सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक रूप से और समृद्ध दिखेगी, जब 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में रामलला अपने जन्मभूमि मंदिर में विराजमान होंगे। इस अवसर को योगी सरकार अद्वितीय, अविस्मरणीय एवं अलौकिक बनाने में जोरशोर से जुटी है।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए नेपाल, कंबोडिया, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैंड, इंडोनेशिया आदि देशों के रामलीला मंडलियों के कलाकार आमंत्रित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, कर्नाटक, सिक्किम, केरल, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, लद्दाख और चंडीगढ़ की मंडली भी श्रीराम के जीवन पर आधारित विभिन्न प्रसंगों की प्रस्तुतियां देगी। तुलसी भवन स्मारक स्थित तुलसी मंच पर देश-विदेश की विभिन्न रामलीलाओं का मंचन प्रस्तावित है। रामलीला मंचन के लिए सरकार की तरफ से दो करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जाएगी।
राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार लोकपरंपराएं समाज में प्रभु श्रीराम के आदर्शों को अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से जीवंत बनाए हुए हैं। उनके आदर्श वर्तमान के साथ भावी पीढ़ी को भी प्रेरणा देते रहेंगे। जनवरी में पूरे विश्व से लाखों श्रद्धालु अयोध्या और प्रदेश के अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक, सांस्कृतिक शहरों की यात्रा करेंगे। इसे ध्यान में रखते हुए कार्यक्रमों के आयोजन की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से अन्य प्रांतों के श्रद्धालुओं को अयोध्या दर्शन का आमंत्रण दे चुके हैं। योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठाधीश्वर भी हैं। आध्यात्मिक रूप से उन्होंने उत्तर प्रदेश को नई पहचान दी है। अयोध्या में रामकथा पार्क के पुरुषोत्तम मंच, भजन संध्या स्थल के सरयू मंच, तुलसी उद्यान के काकभुसुंडि मंच और तुलसी स्मारक भवन के तुलसी मंच पर विविध आयोजन होंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन/पवन
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