बुंदेलखंड में प्रियंका गांधी ने बहाया था पसीना, फिर भी जमानत हो गई थी जब्त

बुंदेलखंड में प्रियंका गांधी ने बहाया था पसीना, फिर भी जमानत हो गई थी जब्त
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बुंदेलखंड में प्रियंका गांधी ने बहाया था पसीना, फिर भी जमानत हो गई थी जब्त


हमीरपुर, 15 मार्च (हि.स.)। बुंदेलखंड में संसदीय क्षेत्र की सभी सीटों पर पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशियों के समीकरण बनाने के लिए प्रियंका गांधी ने धुआंधार चुनाव प्रचार किया था। भीषण गर्मी में रोड शो के दौरान लाखों लोगों की भीड़ भी जुटी,लेकिन समूचे क्षेत्र में भाजपा की आंधी में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा। हमीरपुर महोबा संसदीय सीट को छोड़ अन्य तीन सीटों पर कांग्रेस का कोई भी उम्मीदवार एक लाख वोट नहीं हासिल नहीं कर सका। भगवा की लहर में सभी सीटों पर कमल खिला। इस बार कांग्रेस और सपा के गठबंधन से ऐसे चेहरे चुनाव महासमर में उतारे गए हैं, जो भाजपा के जातीय समीकरणों का खेल बिगाड़ सकते हैं।

बुंदेलखंड क्षेत्र में लोकसभा की चार सीटें है जिन्हें अपने कब्जे में लेने के लिए पिछले आम चुनाव में कांग्रेस और सपा और बसपा गठबंधन के उम्मीदवारों ने बड़ी ताकत लगाई थी। इसके बावजूद भाजपा की आंधी में गैर भाजपा दलों को चुनावी महासमर में तगड़ा झटका मिला था। पिछले लोकसभा चुनाव में हमीरपुर-महोबा, तिंदवारी संसदीय सीट पर पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल के समर्थन में सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर पार्टी के शीर्ष नेताओं ने संसदीय क्षेत्र में धुआंधार चुनाव प्रचार किया था। अमित शाह ने भी भाजपा प्रत्याशी के लिए चुनावी सभा की थी। जबकि कांग्रेस और अन्य दलों के बड़े नेताओं ने भी पार्टी प्रत्याशियों के समीकरण बनाने के लिए चुनावी रैली की लेकिन भाजपा की सुनामी में इन दलों के प्रत्याशियों को पराजय का सामना करना पड़ा था। बुंदेलखंड की चारों सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को घेरने के लिए दिग्गज उम्मीदवारों ने बड़ी ताकत झोंकी थी, फिर भी सभी सीटों पर भाजपा का कमल खिला था। अबकी बार सपा और कांग्रेस नेभाजपा के समीकरणों का खेल बिगाडऩे के लिए गठबंधन कर उम्मीदवार चुनावी महासमर में उतारे है। जिससे यहां जातीय समीकरण कहीं न कहीं गड़बड़ाएंगे।

सत्रहवीं लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ सपा और बसपा ने बनाया था मोर्चा

सत्रहवीं लोकसभा चुनाव में हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी संसदीय सीट पर बांदा के कारोबारी दिलीप सिंह को गठबंधन में बसपा ने उम्मीदवार बनाया था फिर भी ये संसदीय सीट के पांचों विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशी के जातीय समीकरण नहीं बिगाड़ पाए थे। गठबंधन के अलावा कांग्रेस ने भी सभी सीटों पर भाजपा को नुकसान पहुंचाने के लिए दिग्गज उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे थे। लेकिन भाजपा की आंधी में गठबंधन और कांग्रेस के उम्मीदवारों को तगड़ा झटका लगा।

बुंदेलखंड में प्रियंका गांधी ने बहाया था पसीना, फिर भी जमानत हो गई थी जब्त

बुंदेलखंड के सभी सीटों पर पिछले आम चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। कांग्रेस की प्रियंका गांधी ने समूचे बुंदेलखंड क्षेत्र में रोड शो कर पसीना बहाया था। रोड शो में भारी जन समुदाय को पार्टी के नेताओं ने बड़ी उम्मीदें बंधी थी, लेकिन चुनाव परिणाम सामने आए तो पार्टी के शीर्ष लोग भी दंग रह गए थे। बुंदेलखंड के हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी और बांदा-चित्रकूट समेत सभी चारों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों ने बंपर मतों से जीत दर्ज कराई थी।

लोकसभा की तीन सीटों पर किसी भी प्रत्याशी को नहीं मिले थे एक लाख वोट

सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव में यहां हमीरपुर-महोबा संसदीय सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह किसान को जातीय समीकरणों के खेल में 1.14 लाख से अधिक मत मिले थे, लेकिन जमानत नहीं बचा पाए थे। बांदा-चित्रकूट में कांग्रेस के खाते में 75438 मत आए थे जबकि जालौन-गरौठा में 89606, झांसी-ललितपुर में 85921 मत कांग्रेस को मिले थे। हमीरपुर को छोड़ किसी भी सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी एक लाख वोट हासिल नहीं कर पाए थे। सभी की जमानतें जब्त हो गई थी।

हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/राजेश

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