यूपी में पहली बार अप्रैल के पहले सप्ताह में ही एमएसपी पर गेहूं खरीद 1 लाख टन पार

लखनऊ, 8 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में पहली बार अप्रैल माह के पहले सप्ताह में सरकारी क्रय केन्द्रों के माध्यम से गेहूं खरीद एक लाख टन पार कर गई है। अच्छी ख़रीद का कारण कटाई के पहले से ही गांव-गांव जाकर किसानों से संपर्क एवं उन्हें सरकारी क्रय केंद्र गेहूं बेचने के लिए प्रेरित करना है।
उप्र की योगी सरकार के प्रयास से पंजीकरण एवं सत्यापन की व्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ है। कोई भी पंजीकृत किसान सत्यापन के बिना 100 कुंतल तक गेहूं बेच सकता है। सत्यापन के बाद कुल उत्पादकता के आधार पर उत्पादन क्षमता के 3 गुना तक गेहूं बेचने की सुविधा दी गयी है, ताकि सत्यापन अथवा अभिलेखों में त्रुटि के कारण किसान को उत्पादित गेहूं बेचने में असुविधा न हो। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि पहली बार मोबाइल क्रय केंद्रों के माध्यम से किसान के खेत तक विभाग पहुंचा है। सरकार का कदम किसानों को खूब भा रहा है। एक तरफ़ कटाई चल रही है तो वहीं पर गेहूं मौके पर तौला भी जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में छुट्टी वाले दिनों में भी विभाग के अधिकारियों ने क्रय केन्द्र खुले रखने का कदम उठाया। हर दिन क्रय केन्द्र खुले होने की वजह से किसानों को गेहूं बेचना आसान हुआ है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने इस बार गेहूं का एमएसपी 2425 रुपये प्रति कुंतल तय किया है। गेहूं खरीद के लिए तीन लाख 56 हजार 797 किसान पंजीकृत हुए हैं। किसानों का यह आंकड़ा आठ अप्रैल तक का है। पूरे प्रदेश में 5780 क्रय केन्द्र स्थापित किए गए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला