उगते सूर्य को अर्घ्य देकर हिंदू नववर्ष का स्वागत, सनातन के सूर्योदय की आरती
वाराणसी, 09 अप्रैल (हि.स.)। हिन्दू विक्रम संवत 2081 नव संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर मंगलवार को नमामि गंगे व गंगोत्री सेवा समिति ने ब्रह्ममुहूर्त में भगवान सूर्य की आरती उतारकर विधि विधानपूर्वक अर्घ्य देकर हिंदू नववर्ष का भव्य स्वागत किया।
दशाश्वमेध घाट पर सूर्यदेव के उदय होते ही दुग्ध व गंगा जल से अर्घ्य देकर प्रकृति संरक्षण, देश में अमन-चैन, साथ-साथ सनातन संस्कृति के समृद्धि की भी कामना की गई। नमामि गंगे के सदस्यों व गंगा अर्चकों ने षोडशोपचार विधि से हवन व पूजन करके भारतीय संस्कृति के अनादि काल से अनंतकाल तक के प्रवाह की साक्षी गंगा की अविरलता, निर्मलता और सतत प्रवाह के लिए कामना की गई।
कार्यक्रम संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा संस्कृति का अमृत गान है। नव संवत्सर हमें हमारी समृद्ध सांस्कृतिक थाती से परिचित कराने और उसे सहेजने का भी अवसर देता है। नव संवत्सर सृष्टि का स्पंदन है। भारतीय अलौकिक संस्कृति का नया वर्ष लोक कल्याणकारी हो इसके लिए हमने प्रार्थना की है। संयोजन गंगोत्री सेवा समिति के सचिव दिनेश शंकर दुबे ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर
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