कैच द रेन अभियान के जरिए किया जायेगा जल संचयन
जालौन, 23 जून (हि.स.)। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने अधिकाधिक वर्षा जल संचयन के लिए 'कैच द रेन' अभियान की कल देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि इस अभियान के केंद्रीय मध्यवर्तनों में जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन, सभी जल निकायों की गणना, भू- टैगिंग एवं सूची तैयार करना, जल संरक्षण के लिए वैज्ञानिक योजना बनाना, जनपद में जल शक्ति केंद्रों की स्थापना करना व सघन वनीकरण और जागरूकता सर्जन शामिल है। अभियान इस वर्ष अपने पांचवें चरण में पहुंच चुका है। इसके अंतर्गत पारंपरिक जल निकायों, जलस्रोतों का नवीनीकरण और पुनः उपयोग, बोरवेल पुनर्भरण, वाटरशेड का विकास, गहन वनारोपण, छोटी नदियों के कायाकल्प के साथ ही 'नारी शक्ति से जल शक्ति' के थीम पर जन जागरूकता कार्यक्रम,जनपद की हाइड्रो जियोलॉजिकल परिस्थिति के अनुसार जल संचयन संबंधी अन्य कार्यों को प्राथमिकता से कराया।
इसके अलावा सभी शासकीय, अर्धशासकीय भवनों पर अनिवार्य रूप से रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना करने के निर्देश दिए। साथ ही सभी अमृत सरोवरों के जल प्रभाव में रुकावट को ठीक किया जाए। 'कैच द रेन अभियान 2024' केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार के सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। इसके अंतर्गत मानसून के प्रारंभ से पहले प्राथमिकता के आधार पर जल स्रोतों यथा तालाब, कृत्रिम पुनर्भरण संरचना, छोटी नदियां, चेकडैम, जल निकाय के डिसिल्टिंग और पुनरुद्धार के कार्य पूर्ण कर लिए जाएं, जिससे कि वर्षा ऋतु में अधिकाधिक वर्षा जल का संचयन करते हुए जल शक्ति अभियान को सार्थकता प्रदान की जाए।
हिन्दुस्थान समाचार/ विशाल/सियाराम
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